Saturday, May 18, 2024
साहित्य जगत

प्रथमेश की जय हो

गौरी के लाला जग में करो उजाला,
तेरे नाम की सभी भक्त गण जपे माला।
कवियों की कलम के ईश हे! कवीश तुझको वंदन,
तेरे दरश से जीवन महके जैसे चंदन।
आना हे !हेरम्ब हर लो हर शोक दोष ,
जीवन भर दो सुख सौभाग्य से हे वरद विनायक ,
भर दो हर उर में बस जोश ही जोश।
चौकी सजाई ,चौक पुराया, कलश भराया आन विराजो देवा ,
कर अर्चना पूजन तुझको ही ध्याये हे! गणपति देवा।
करना हर घर में उजाला हे! दयानिधि तुझको वंदन बारम्बार ।
सारे कष्टों को हरते महिमा तेरी अपरम्पार।
देना वर हे कवीश भावों को शब्दों की माला में गुंथ कर रच लूं भाव भरे गीत।
बन जाइये हे दगड़ु सेठ आप मेरे शब्दों के मीत ।
कृपा करो ,भाग जगाओ,
पूजा स्वीकारो,भजन स्वीकारो ,भोग स्वीकारो।
महिमा पुकारे निकट बुलाओ, गले लगाओ हे! नाथ हमेशा कृपा करो
गौरी नंदन दया करो ।

स्वरचित
शब्द मेरे मीत
डाक्टर महिमा सिंह