Friday, May 17, 2024
हेल्थ

प्रसव से लेकर नवजात की देखभाल तक गुणवत्ता पर जोर

– डिलेवरी प्वाइंट पर तैनात स्टॉफ का नर्स मेंटर के जरिये हो रहा है क्षमता संवर्धन

बस्ती, 29 मई 2023। सीएचसी/पीएचसी सहित जिले के सभी डिलेवरी प्वाइंट पर गुणवत्तापूर्ण मातृ शिशु स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया होंगी। इसके लिए ब्लॉक स्तर पर नर्स मेंटर की तैनाती की गई है। प्रसव से लेकर नवजात की देखभाल तक में यह नर्स मेंटर, स्टॉफ नर्स/एएनएम का क्षमता संवर्धन कर रही हैं। जिले के नौ ब्लॉक पर यह काम जारी है।
सीएमओ डॉ. आरपी मिश्रा का कहना है कि डिलेवरी प्वाइंट की गुणवत्ता में सुधार लाकर मातृ व शिशु मृत्यु दर को न्यूनतम किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश सर्वाधिक जनसंख्या वाला प्रदेश है। इसे ध्यान में रखते हुए आरएमएनसीएचए सेवाओं को प्रभावी तरीके से यहां लागू करने की जरूरत महसूस की गयी है। जनपद भी इन अपेक्षाओं पर खरा उतरने का प्रयास कर रहा है ।
एनएचएम के डीपीएम राकेश पांडेय ने बताया कि जल्द ही अन्य ब्लॉक में भी नर्स मेंटर की तैनाती हो जाएगी । इससे गुणवत्तापूर्ण प्रसव सुविधा से जिले की 89565 गर्भवती को लाभ मिलेगा। पिछले दिनों राज्य स्तर से आईं एफआरयू की उपनिदेशक डॉ. वंदना ने भी जिले के अधिकारियों के साथ बैठक कर कार्यक्रम में प्रगति लाने पर जोर दिया था।
पीएचसी कुदरहा में तैनात नर्स मेंटर सुमन ने बताया कि स्टेट स्तर पर प्रशिक्षण के दौरान उन्हें जो जानकारी दी गई है, उसी गाइड लाइन के अनुसार यहां काम शुरू किया है।

कार्यक्रम का उद्देश्य-
– उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के साथ ही हेल्थ वर्कर्स को प्रशिक्षित किया जाना।
– डिलेवरी प्वाइंट पर जरूरी दवाओं व उपकरणों की उपलब्धता, अभिलेखों का सही तरीक से रख-रखाव, रेफरल की प्रक्रिया, संक्रमण नियंत्रण कार्यक्रमों में सुधार लाना।
– स्टॉफ के ज्ञान, कौशल विकास व अभ्यास में सुधार लाना।

इन बातों का ख्याल रखेंगी नर्स मेंटर
– ब्लॉक क्षेत्र के डिलेवरी प्वाइंट में आरएमएनसीएचए की सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाना।
– नियमित रूप से प्रसव कार्य सम्पादित करने के साथ ही सहयोग प्रदान करना।
– लेबर रूम के रजिस्टर, केस शीट, और संदर्भन स्लिप का उपयोग करना।
– एचएमआईएस और यूपीएचएमआईएस पर डाटा की फीडिंग में सहयोग प्रदान करना।
– एनएचएम के मंत्रा एप पर सभी आवश्यक सूचनाएं अपलोड करना।
– मंत्रा डैशबोर्ड पर अंकित डेटा के अनुसार कार्ययोजना बनाने में सहयोग प्रदान करना।

यह हैं पांच प्रमुख कार्य
नर्स मेंटर द्वारा इनीशियल एसेस्मेंट, लेबर मॉनीटरिंग, लेबर के तीसरे चरण में एक्टिव प्रबंधन(जिसमें पीपीएच अर्थात पोस्ट पार्टम हैम्बरेज आदि से बचाव शामिल है), नवजात से सम्बंधित काम, लेबर के चौथे चरण में प्रबंधन (जिसमें समय से नार का काटा जाना आदि शामिल है), और प्रसव के बाद नवजात को होने वाली समस्या का प्रबंधन किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त प्रसव कक्ष में इंफेक्शन कंट्रोल, बॉयोमेडिकल वेस्ट का प्रबंधन, आवश्यक दवाओं का प्रबंधन व उसका इस्तेमाल, गम्भीर केस को समय से रेफर किया जाना भी नर्स मेंटर के कार्य में शामिल हैं।