Sunday, May 19, 2024
साहित्य जगत

चासनी के छठे संस्करण एवं खुशियों की गौरैया का लोकार्पण कल

बस्ती।राष्ट्रीय कवि डॉ राम कृष्ण लाल”जगमग” कृत चासनी के छठे संस्करण एवं खुशियों की गौरैया का लोकार्पण प्रेस क्लब के सभागार में रविवार को सम्पन्न होगा।

डॉ रामकृष्ण लाल “जगमग” ने लोकार्पण के पूर्व संध्या पर मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि समय का पहिया चलता रहता है। उसकी रफ्तार पर किसी का अंकुश नही होना है। 1974 में मेरा प्रथम काव्य संग्रह चाशनी (हास्य व्यंग्य संग्रह) का प्रथम संस्करण पाठकों के समक्ष आया उस समय मैंने कल्पना भी नहीं की थी कि हमारे पलकों का इतना प्यार और आशीर्वाद मिलेगा। चाशनी में हास्य व्यंग काव्य संग्रह के साथ-साथ दुमदार दोहों को पाठकों द्वारा विशेष सराहा गया।

कवि सम्मेलन के मंचों पर दुमदार दोहे ने मुझे पूरे देश में विशेष लोकप्रियता प्रदान कोशनी ने मेरे जो कवि जीवन को नई ऊर्जा प्रदान की। इसके बाद धीरे-धीरे अनेक कृतियों का सृजन हुआ। हास्य व्यंग्य के अतिरिक्त अनेक गम्भीर कृतियों का भी सृजन हुआ साहित्य जगत में सराही गई। हमारे महान पाठको मित्रों और शुभ चिन्तकों का प्यार हो है कि आज चाशनी का छठा संस्करण प्रकाशित हो रहा है।

मैं अपने को सौभाग्यशाली समझता हूँ, मुझे महान कवयित्री महादेवी वर्मा जी ने जगमग उपनाम से अलंकृत कर अपना ढेर सारा आशीर्वाद प्रदान किया इस अवसर पर मैं उन्हें नमन करता हूँ।

उन्होंने कहा कि मेरे प्रेरणास्रोत हास्य व्यस्य सम्राट श्री विश्वनाथ बेखटक मिर्जापुरी ने अपना स्नेह और आशीर्वाद देकर मेरे भीतर के रचनाकार को पल्लवित एवं पुष्पित किया है। उन्होंने चाशनी के तृतीय संस्करण में अपना अभिमत देकर मुझे कृतार्थ किया है जो इस संस्करण में भी प्रकाशित किया जा रहा है। इस काव्य यात्रा में मुझे गुरूवर बालसोम गौतम और डॉ रमाकान्त श्रीवास्तव का स्नेहासिक मार्गदर्शन सतत मिलता रहा है अस्तु में उनका नमन करता हूँ।

मैं अत्यन्त प्रसन्नता का अनुभव करता है कि मुझे सर्वश्री राष्ट्रकवि पंडित सोहनलाल द्विवेदी, महाकवि पंडित श्याम नारायण पाण्डेय, रमानाथ अवस्थी, पालदास नीरज, डा सुजेन्द्र अवस्थी, डॉ. उर्मिलेश, उमाकान्त मालवीय, पं. चन्द्रशेखर मिश्र, रामावतार चेतन, रामरिख मनहर स्नेहलता स्नेह, बरखा रानी, शरद जोशी, शैल चतुर्वेदी, संतोषानन्द, नरेन्द्र मिश्र, सुड फैजाबादों, के पी सक्सेना, साकेती विकल गोण्डवी काका हाथरसी निर्भय हाथरसी, काका बैसवाड़ी, गोपाल प्रसाद व्यास गोविन्द व्यास प बुद्धिनाथ मिश्र, माहेश्वर तिवारी, सोमठाकुर, बेचैन डॉ. श्याम निर्मम त्रिलोचन शास्त्री कन्हैया लाल आदि का विशेष योगदान रहा है।

उन्होंने कहा कि साहित्य यात्रा में परिवार एवं मित्रो का भरपूर सहयोग एवं समर्थन हमेशा मिलता रहा है। कहा कि लोकार्पण में ज्ञानेंद्र द्विवेदी सतीश आर्य, डॉ अंजना,सत्येंद्र नाथ मतवालाविनोद उपाध्याय, सहित अनेक साहित्यकार कार्यक्रम में प्रतिभाग कारेंगे