Sunday, May 19, 2024
बस्ती मण्डल

एसपी कार्यालय पहुंचा दिनेश कहा मेरा किसी ने अपहरण नहीं किया,भैया, भाभी की है मेरे जमीन पर नजर

खुद को बचाने के चक्कर में भाजपा नेता महेंद्र सिंह मामले को मोड़ने का प्रयास कर रहे हैं जांच के बाद भाजपा नेता पर कार्यवाही होना सुनिश्चित

बस्ती । रूधौली थाना क्षेत्र के करमहिया निवासी दिनेश कुमार उपाध्याय के कथित अपहरण की आशंका मामले में नया मोड़ आ गया है। सोमवार को दिनेश कुमार उपाध्याय पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचा और लिखित प्रार्थना पत्र दिया कि उसके अपहरण के आशंका की अफवाह फैलाया जा रहा है। उसके भाई देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और भाभी नीलम उसकी जमीन को हड़प लेना चाहते हैं। पत्र में दिनेश कुमार ने कहा है कि उसके बड़े भाई के साढू ने कुछ साल पहले गुजरात जाने वाले ट्रक में बैठा दिया था। एक स्वयंसेवी संस्था की मैडम ने उसे गुजरात से वापस बुलवाया। ग्राम प्रधान महेन्द्र सिंह ने उसे रूधौली लाकर छोड़ दिया था। उसके घर पर ताला लगा रहता है वह कहां खाये, रहे उसके भाई, पत्नी व रिश्तेदार हमेशा जमीन लिखने की बात करते हैं, मैं अपनी जमीन उनको नहीं देना चाहता हूं। पत्र में दिनेश कुमार ने कहा है कि उसका कोई अपहरण नहीं किया गया, वह अपने मन से काम करके इधर उधर रहता है। उसकी वजह से किसी को अकारण परेशान न किया जाय।
ज्ञात रहे कि दिनेश कुमार की भाभी नीलम पत्नी देवेन्द्र कुमार उपाध्याय ने पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र देकर आशंका व्यक्त किया था कि उसके देवर दिनेश कुमार उपाध्याय जो मंद बुद्धि के हैं उसका अपहरण कर कुछ लोग उसके हिस्से की सारी जायदाद बिकवाकर उसे गायब करा देना चाहते हैं। उसने अपने देवर की सुरक्षित बरामदगी कराये जाने की मांग एसपी से किया था।

वहीं सूत्रों का मानना है खुद को भाजपा नेता महेंद्र सिंह अपने को बचाने के नियत से सुनियोजित ढंग से दिनेश को अपर पुलिस अधीक्षक के समक्ष प्रस्तुत करवाया अगर दिनेश वापस आया था जिसे लाने वाले महेंद्र सिंह ही थे तो उसके घर क्यों नहीं पहुंचाया गया वही एक बात और खटक रही है कि जब मीडिया ने खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया और अपने आप को फंसता देख भाजपा नेता ने दिनेश को अपर पुलिस अधीक्षक के समक्ष उपस्थित करा दिया जिसे ढूंढने के लिए नीलम उपाध्याय ने पुलिस उच्चाधिकारियों समेत मुख्यमंत्री तक को पत्र लिखा था। और पुलिस राजनीतिक दबाव में कार्रवाई करने स करने से कतरा रही थी ऐसा क्या हुआ की खबर प्रकाशन के 24 घंटे के भीतर दिनेश उपाध्याय हाजिर भी हुए और रटे बयान को मीडिया के कार्यालय में बैठकर धाराप्रवाह पढ़ा भी वहीं एसपी ऑफिस में पत्रकारों की आईडी पर बोलना हुआ तो आवाज ही नही  नहीं निकल रही थी वहीं परिजनों का कहना है कि मामले को न्यायालय में ले जाकर निष्पक्ष जांच कराएंगे जिसमें दूध का दूध पानी का पानी अलग होगा और दोषियों को मुझे सजा दिला कर ही दम लेंगे।