Sunday, May 19, 2024
बस्ती मण्डल

बच्चों से संवाद एवम संवेदना का प्रयोग करें अभिभावक- प्रेरक

बस्ती। बाल मन कोरे कागज की तरह होता है, जहां इस पर बहुत कुछ उकेरा जा सकता है वहीं यह अत्यंत नाजुक भी होता है, समय पर निगरानी के साथ ही सहयोग की भी आवश्यकता होती है।
उक्त बातें न्याय पीठ बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष प्रेरक मिश्रा ने शनिवार को एक गोष्ठी के दौरान कही,गोष्ठी का आयोजन समिति के कार्यालय में किया गया था। न्याय पीठ के अध्यक्ष ने कहा कि बहुत से माता पिता बच्चों के साथ सख्ती से पेश आते हैं, सख्ती के साथ ही बच्चों को भावनात्मक लगाव की जरूरत होती है,नाबालिग बच्चे कई प्रकार के बदलाव से गुजरते हुए बड़े होते हैं,माता पिता यदि बच्चों के मित्र होने का भी कार्य करने में सफल रहे तो बच्चे के बिगड़ने के या गलत रास्ते पर जाने का प्रतिशत कम हो सकता है। बच्चों के साथ निरन्तर संवाद एवम संवेदना का प्रयोग किया जाना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन करते हुए सदस्य अजय श्रीवास्तव ने कहा कि इन दिनों बच्चों के साथ घटनाएं बढ़ी है, समाज एवम परिवार दोनो की जिम्मेदारी है की बच्चों के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करें, सदस्य मंजू त्रिपाठी एवम डा संतोष श्रीवास्तव ने कहा कि बाल कल्याण समिति बच्चों के सर्वोच्च हित के लिए लगातार प्रयास कर रही है, समाज के जागरूक लोगों को समित का सहयोग करना होगा, नाबालिग विवाह को रोकने के लिए जागरुकता अभियान चलाना होगा, बाल विवाह कानूनन अपराध के साथ बच्चों के भविष्य के लिए भी घातक है।
इस अवसर पर एड दिनेश कुमार, बी एन मिश्रा, रामराज तिवारी, चंदन शर्मा, त्रिलोकी नाथ गुप्ता, दयानंद यादव, रमेश चंद्र अग्रवाल आदि मौजूद रहे।