Saturday, May 18, 2024
बस्ती मण्डल

महर्षि दयानन्द ने ही सर्वप्रथम स्वराज के लिए बिस्मिल भगतसिंह, आजाद रानी लक्ष्मीबाई जैसे अनेक देशभक्त व साहसी क्रांतिकारियों को उत्पन्न किया-ओमप्रकाश आर्य

बस्ती 15फरवरी।महर्षि स्वामी दयानन्द सरस्वती के 200वीं जयंती वर्ष के शुभारंभ होते ही देश भर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाने लगे। इसी कड़ी में स्वामी दयानन्द विद्यालय सुर्तीहट्टा में विद्यार्थियों व शिक्षकों ने प्रभातफेरी निकालकर लोगों को वेदों की ओर लौटने का संदेश दिया। महर्षि दयानंद की जय व वैदिक नाद बजाने को ऋषि दयानन्द आये थे आदि नारों से आमजनमानस को स्वामी दयानन्द सरस्वती के कार्यों से अवगत कराते हुए बच्चों ने पुरानी बस्ती में जन जागरण किया। इसके पश्चात विद्यालय पर पहुचकर यात्रा एक सभा मे परिवर्तित हो गई। सभा को संबोधित करते हुए ओम प्रकाश आर्य प्रधान आर्य समाज नई बाजार बस्ती ने कहा कि महर्षि दयानन्द ने ही सर्वप्रथम स्वराज के लिए बिस्मिल भगतसिंह, आजाद रानी लक्ष्मीबाई जैसे अनेक देशभक्त व साहसी क्रांतिकारियों को उत्पन्न किया जिन्होंने अपने प्राणोत्सर्ग से देश को स्वतंत्र कराया। आज पूरा देश उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित कर रहा है।
इस सभा में बच्चों द्वारा महर्षि दयानंद सरस्वती के जीवन पर आधारित प्रेरक गीत कविता व भाषण प्रस्तुत किया गया। इससे पूर्व प्रधानाध्यापक गरुण ध्वज पाण्डेय द्वारा वैदिक यज्ञ कराते हुए महर्षि के जीवन से पंच महायज्ञ सीखने और वैदिक धर्म के उत्थान के लिए तत्पर रहने की प्रेरणा दी गई। कार्यक्रम का संचालन करते हुए योगरत्न आदित्यनारायण गिरि ने बताया कि महर्षि दयानंद के विचारों से प्रेरित होकर लाला हंसराज ने पूरे देश में डी ए वी कालेज की नींव डाली। गुरुकुलों को पुनः स्थापित कर नारी और शूद्रों को शिक्षा का अधिकार दिया जिसके लिए समाज उनका हमेशा ऋणी रहेगा। सुभाष चन्द्र आर्य जिला प्रभारी पतंजलि योग समिति ने महर्षि दयानंद को एक योगी योद्धा के रूप में प्रस्तुत करते हुए उन्हें राष्ट्रपोषक बताया।
इस अवसर पर उपेन्द्र आर्य, दिनेश मौर्य, अरविन्द श्रीवास्तव, अनूप कुमार त्रिपाठी आदि शिक्षकों ने स्वामी दयानन्द के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला और कहा कि स्वामी जी का मानना था कि देश में जाति नहीं वर्ण व्यवस्था होनी चाहिए। सत्यार्थ प्रकाश के निष्पक्ष अध्ययन से अशिक्षा, पाखंड अंधविश्वास आदि दूर होंगे। उन्होंने समाज सुधार, धर्म सुधार और कन्याओं की शिक्षा पर बहुत जोर दिया। इस कार्यक्रम में अनीशा, प्रियंका, शिवांगी, साक्षी, अंशिका पाण्डेय, आकृति दुबे आदि शिक्षकों ने कार्यक्रम में शामिल गौरी, अंशी, हुमैरा, रेणुका, श्रेया, अंशिका मद्धेशिया, प्रियांशु, अमरेन्द्र, मनोज, यश कुमार, मानवी, सहित अनेक बच्चों का सहयोग किया।