Sunday, May 19, 2024
बस्ती मण्डल

जनपद में 39 शराब की दुकानें क्यों नही हो रहे है रिनेवल

बस्ती। जनपद में देशी, विदेशी व बीयर शराब के 326 इस वित्तीय वर्ष में चल रहे है। जिसमे 39 शराब कारोबारियों ने दुकान में हो रहे घाटे की वजह से दुकान छोड़ रहे है। वही कारोबारियों का कहना है कि आबकारी विभाग अनावश्यक रूप से शराब कारोबारियों पर भार डाल रहा हैं। ऐसे में नई शराब नीति किसी भी सूरत में स्वीकार योग्य नहीं हैं, इसमें संशोधन की मांग को लेकर शराब कारोबारियों को एकजुट होकर सरकार व विभाग से मांग किया जा सकता है कि वह इसमें बदलाव करें और शराब व्यवसाईयों के हित का भी ध्यान रखा जाए। शराब कारोबारियों ने बताया कि आबकारी विभाग द्वारा वर्ष 2023-24 की जो आबकारी नीति जारी की है, उसमें संशोधन निकाले हैं उसके संदर्भ में शराब व्यवसायी उन संशोधनों से संतुष्ट नहीं है। नए आदेश की पालना शराब व्यवसाईयों द्वारा किए जाना बेहद कष्टप्रद होगा। उन्होंने कहा कि दुकानों का नवीनीकरण जो 10 प्रतिशत बढ़ाकर किया जा रहा है वह बिल्कुल भी सही नहीं हैं क्योंकि वे 10 प्रतिशत की गारंटी बढ़ते ही शराब का माल इतना हो जाएगा कि हम उसे बेच नहीं पाएंगे।

यह है कारण:- 39 शराब की दुकान है जो नही पा पा रही है रिनुअल और चल रही है घाटे में।

कुछ व्यापारियों के नाम न छापने के शर्त पर बताया कि हम सब की दुकान है की फीस व सिक्योरिटी बहुत ज्यादा बढ़ गया है और बिक्री कम हो गई है जिससे हम व्यापारियों को शराब बेचने में घाटे का सौदा करना पड़ रहा है किसी तरीके से हमने वर्ष 2022 23 चलाया है जोकि घाटे में चलाया है जिससे अब बोतलों की बिक्री पास मशीन के जरिए किया जाना है जोकि और कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा कुल मिलाकर यह 39 दुकाने घाटे की दुकान है जिसको चलाया जाना बहुत ही कठिन है।

ये है व्यापारियों की राय:-

वित्तीय वर्ष 18-19 के सापेक्ष अब के वित्तीय वर्ष में लाइसेंस फीस दोगुना से ज्यादा बढ़ चुकी है शराब व्यापारियों को जो मुनाफा है उसमें कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है जिससे व्यापारी घाटे में चल रहे हैं और व्यापारियों का कहना है कि जो दुकाने घाटे में चल रही हैं उस दुकान की फीस कम कर दिया जाए और उन दुकानों को 2 दुकान में विभाजन अलग अलग जगह कर दिया जाए जिससे डिपॉजिट मनी व शुल्क भरने में कठिनाइयां नहीं आएगी।

शराब व्यापारी ऐसे हैं आबकारी विभाग से अधिकारी व कर्मचारी से दुखी: –

आबकारी विभाग से व्यापारी इस तरीके से दुखी हो गए हैं कि 326 दुकानों से लगभग 4 हजार रुपए प्रति माह के हिसाब से वसूली की जा रही है जिसमें होली दिवाली अलग से भी लिया जाता है और कुछ अंग्रेजी दुकानदारों द्वारा यह भी बताया गया कि साहब अंदर घुसते ही महंगा ब्रांड उठा लेते हैं कहते हैं त्योहारी है दीजिए नहीं तो कार्रवाई हो जाएगी यह उच्चाधिकारियों तक पहुंचाना पड़ता है। जिला आबकारी अधिकारी के द्वारा 4 हजार रुपए प्रति दुकान की वसूली कराया जाता है। जिले में शराब की कुल 326 दुकानें हैं इस तरह से देखा जाए तो जिला आबकारी अधिकारी द्वारा हर महीने लगभग 13 लाख 4 हजार रुपए की हर माह वसूली की जा रही है। वहीं व्यापारियों द्वारा यह भी बताया गया कि नवीनीकरण के नाम पर हर दुकान से लगभग 15 हजार रुपए की मांग की गई है इस तरह से कुल दुकानों को मिलाकर लगभग 50 लाख रुपए की अवैध वसूली विभाग के द्वारा किया जा रहा है।
वहीं व्यापारियों द्वारा यह भी बताया गया कि अगर यह सुविधा शुल्क नहीं दिया जाएगा तो आपको बार-बार दौड़ाया व कागजों में हेराफेरी करके परेशान भी किया जाएगा।
व्यापारियों द्वारा बाद में यह भी बताया गया अगर रिन्यूअल के नाम पर हम साहब को 15 हजार रुपए देंगे तो कहीं ना कहीं हम भी इसकी भरपाई करने के लिए शराब के शौकीनों से यानी जनता से वसूली करना पड़ेगा। जिससे यह साफ साफ देखा जाय तो विभाग में भ्रष्टाचार इतना चरम पर है जिससे जनपद के व्यापारी व जनता दोनों लूटते रहेंगे। इसलिए व्यापारी जिला आबकारी अधिकारी को उदासीनता के नजर से देख रहे हैं। इस अवैध वसूली से व्यापारी पीड़ित है।