Saturday, May 18, 2024
साहित्य जगत

यशपाल निर्मल द्वारा अनुवादित पुस्तक का विमोचन विश्व पुस्तक मेला दिल्ली में किया जाएगा

लखनऊ। यह गौरव का विषय है कि केन्द्रीय साहित्य अकादमी, नई दिल्ली के राष्ट्रीय अनुवाद पुरस्कार से सम्मानित एवं पुरस्कृत वरिष्ठ लेखक एवं अनुवादक श्री यशपाल निर्मल ने प्रतिष्ठित साहित्यकार और व्यंग्यकार श्री लालित्य ललित के व्यंग्य संग्रह “ पाण्डेय जी कहिन“ का अनुवाद “पांडे होर आखदे न” शीर्षक से डोगरी भाषा में किया है।

नोएडा के बेहद सक्रिय भारतीय भाषाओं के प्रकाशक इंडिया नेटबुक्स के महानिदेशक डॉ. संजीव कुमार ने कहा कि उन्हें इस व्यंग्य संग्रह का डोगरी अनुवाद प्रकाशित करते हुए बहुत खुशी हो रही है ताकि ललित ललित जी के व्यंग्य का स्पंदन डोगरी भाषा के पाठकों तक भी पहुंचे. उन्होंने बताया कि इस व्यंग्य संग्रह का विमोचन नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले में किया जाएगा और जम्मू में आयोजित कार्यक्रम में इस पर विशेष चर्चा सत्र आयोजित किया जाएगा. विदित हो कि ललित्य ललित जी के अब तक तीस व्यंग्य संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं और वे सृजनात्मक कार्यों में सक्रिय बने हुए हैं। जल्द ही कई भाषाओं में उनके व्यंग्य संग्रह निश्चित रूप से भारतीय पाठकों तक पहुंचेंगे। यह इंडिया नेट बुक्स के लिए भी गर्व की बात है कि ललित्य ललित की कविताओं का ओडिया अनुवाद भी प्रकाशित हो चुका है।
यशपाल निर्मल के खाते में विभिन्न विधाओं और विभिन्न भाषाओं में 65 प्रकाशित पुस्तकें हैं। हमें इंडिया नेट बुक्स, नोएडा के बैनर तले “1008 डोगरी हाइकू” नामक उनकी एक पुस्तक प्रकाशित करने का सम्मान प्राप्त है। वह अपनी मातृभाषा डोगरी भाषा के साथ-साथ राष्ट्रभाषा हिंदी के उत्थान और विकास के लिए लगातार काम कर रहे हैं।