Saturday, May 18, 2024
साहित्य जगत

पाठ अनूठे।

आओ बच्चों सीखे जीवन के कुछ पाठ अनूठे ।
चींटी से तुम सीखो अनुशासन में बंध कर जीना ,
मेहनत और लगन से हर कार्य को अंत तक करना।
बया से सीखो तुम नायाब कलाकारी ।
गिलहरी से संचय करना ।
सूरज चंदा से सीखो तुम समय का पालन करना बच्चों।
मछली से सीखो तुम प्रीत निभाना ।
वृक्षों और नदियों से सीखो तुम परोपकार ।
तारों से सीखो तुम चमकना
निरंतर।
पक्षियों से सीखो तुम ऊंचा उड़ना ।
मैना, बुलबुल ,कोयल से सीखो तुम मीठे बोल।
बगुले से सीखो बच्चों संयम करना ।
ब्रह्म मुहूर्त में उठना, मुकाबले में डटे रहना,
भाई -बंधु संग मिल,
बांट के खाना सीखो मुर्गे से सारे यह गुण तमाम बच्चों।
कौवे से सीखो निरंतर रहना तुम सावधान ।
कुत्ते से सीखो तुम स्वामी भक्ति,
हल्की सी आहट पर भी जग जाना।
शेर से सीखो पूर्ण लगन से करना हर कार्य ।
मोर से सीखो शिष्टता और लजाना ।
कोयल करती है निज देश से प्रेम जाती नहीं देश के बाहर सीखो मातृभूमि से
प्रेम‌ करना बच्चों ।
निडर, निर्भीक, वीर बनो बनो तुम भी वीरों जैसे।
राजा हरिश्चंद्र से सीखो तुम
सदा हर हाल में सत्य बोलना।
राजा राम से सीखो तुम आदर्श और मर्यादा जीवन की सारी।
अर्जुन के तीरो से सीखो लक्ष्य का पीछा करना हर हाल में।
महान भागीरथ और भीष्म से सीखो
प्रण से पीछे ना हटना।
माता पिता का आदर सम्मान करना अपनी हर सांस से ।
बुराई क्रोध ईष्र्या से तुम दूर ही रहना ।
बात पते की तुम्हें बताई गिरह बांध रखना सदा संग साथ बच्चों।

स्वरचित
शब्द मेरे मीत
डाक्टर महिमा सिंह
लखनऊ उत्तर प्रदेश