Wednesday, June 26, 2024
बस्ती मण्डल

योग के अभ्यास से व्यक्ति सामान्य से विशेष व मानव से महामानव बन सकता है-विवेक मिश्र

बस्ती। भारत स्वाभिमान ट्रस्ट हरिद्वार मुख्यालय के निर्देशानुसार समाज को और सशक्त बनाने के लिए पतंजलि योग समिति व भारत स्वाभिमान समिति बस्ती के सौजन्य से जिले में योग प्रशिक्षण का क्रम जारी है। इसी कड़ी में जनता इण्टर कालेज भादी में आज से 13 नवम्बर तक तीन दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया। उक्त जानकारी देते हुए ओम प्रकाश आर्य व डॉ प्रवेश कुमार ने बताया कि योग के अनुष्ठान से तन स्वस्थ व मन पवित्र होता है। वेदमंत्रों से शिविर का उद्घाटन करते हुए विद्यालय के शिक्षक विवेक मिश्र ने कहा कि योग के अभ्यास से व्यक्ति सामान्य से विशेष व मानव से महामानव बन सकता है यह प्रत्येक व्यक्ति के लिए अनिवार्य है। योग जीवन की दिनचर्या में शामिल कर हम रोगमुक्त हो सकते हैं। *रोगमुक्त गांव-योगयुक्त देश* के उद्देश्य को लेकर जिले के विभिन्न क्षेत्रों में योग शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।
इस अवसर पर क्षेत्रीय लोगों व विद्यालय के छात्रों ने योगासन, प्राणायाम का अभ्यास किया। पतंजलि चिकित्सालय के वैद्य अजय चौधरी ने साधकों को निःशुल्क चिकित्सा परामर्श देते हुए उन्हें उचित आहार विहार की सलाह दी। व्यायाम कराते हुए बताया कि विद्यार्थियों का जीवन हमेशा चुनौतियों से भरा रहता है ऐसे में योग उन्हें तनाव मुक्त करता है और दिनचर्या को व्यवस्थित करने में सक्षम है। इसलिए योगाभ्यास करके अपने जीवन को सरल व सकारात्मक बनाये रखना चाहिए। क्रियात्मक योगाभ्यास के अन्तर्गत योग सहायक दीपक शुक्ल, सुधीर शुक्ल, लल्लू शुक्ल ने लोगों को वज्रासन, ताड़ासन, कटिचक्रासन, शशकासन, सूर्यनमस्कार सहित अनेक उपयोगी आसनों व मुद्राओं का अभ्यास कराने में उनका सहयोग किया। योग प्रशिक्षक गरुण ध्वज पाण्डेय व सह योग शिक्षक शिवश्याम ने कहा कि योग से हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है जो समस्याओं को सुलझाने में बहुत सहयोग करता है। बताया कि व्यायाम से शरीर की अतिरिक्त चर्बी तो गल ही जाती है साथ ही शरीर निरोगी हो जाता है। निरंतर अभ्यास से शरीर कान्तियुक्त व निरोगी हो जाता है।
प्राणायाम सिखाते हुए बताया कि योग से हमारे आत्मसंस्थान जागृत होते हैं जो आत्मा को परमात्मा तक ले जाने में सहायक होते हैं। हमारे शरीर में स्वचिकित्सा, स्वक्षतिपूर्ति एवं स्वानुभूत संस्थान जन्म से ही विद्यमान है हमारे अनुकूल आचार, विचार, गुण, कर्म व स्वभाव के साथ प्राणायाम करने से ये जीवन को उत्तम संस्कार में ढाल देते हैं। आहार विहार ठीक न रहने पर ये कमजोर पर पड़ जाते हैं जिससे शरीर रोगों का घर बन जाता है। ये संस्थान त्रिदेव की भाॅति शरीर और आत्मा का पोषण करते हैं। इस अवसर पर शिक्षक विजेन्द्र वर्मा के साथ शुभानंद शुक्ल, आदर्श शुक्ल, अजय, अनुराग, सुनील, अभय, रामजनम, रोहित, अंकित, शिवा, रामसुंदर, देवेन्द्र, अभिषेक, वैभव शुक्ल, राहुल,आनन्द, विंध्यवासिनी, शालू चौधरी, सरिता, संजना, सुनीता, खुशबू, हर्षिता, काँक्षी, अनमोल, अष्टभुजा सोनी, दिलीप, जितेन्द्र, शिवराम, सहित सैकड़ों लोगों ने प्रतिभाग किया।