Sunday, May 19, 2024
बस्ती मण्डल

जो हर प्रहर आह्लादित रहे उसे प्रह्लाद कहते हैं। आचार्य कुंडल जी

बस्ती। प्रभु के चरणों में समर्पित होने पर सारे बंद दरवाजे अपने आप खुल जाते हैं, माया, मोह और अज्ञान के मकड़जाल से व्यक्ति मुक्त हो जाता है। जो श्री हरि के चरणों का अनुरागी होता है उस भक्त को प्रभु अपने भक्त प्रह्लाद की तरह प्यार करते हैं।
उक्त उद्गार प्रख्यात कथा व्यास आचार्य कुंडल जी महराज ने छावनी थाना क्षेत्र के ग्राम-मल्लूपूर मे चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दौरान कही, कथा व्यास ने प्रहलाद जी के चरित्र का बड़ा ही जीवंत वर्णन किया, वर्णन सुनकर श्रोता भाव विभोर हो गए। कथा का विस्तार करते हुए उन्होंने कहा कि
प्रहलाद के जीवन मे ब्रम्हानंद की प्राप्ति हुई , विषयानंनद जाता रहा, देह-गेह की विष्मृती हुई ,राम रस की सरसता मे जीवन के सार ,सर्वष्व प्रमात्मा की प्राप्ति तभी होती है जब व्यक्ति देह-गेह की विष्मृती कर भगवत भगवान के आश्रय में समर्पित हो जाता है, व्यक्ति जब प्रह्लाद की स्थिति में पहुचता तो उसे कण-कण मे भगवान ही दिखाई देने लगते है, आचार्य कुण्डल ने बताया की जैसे प्रहलाद को अग्नि परितप्त इसतंभ मे भी भगवान ही दिखाई पड़े इसी प्रकार मनुष्य को कम से कम भगवान की बनायी हुयी मूर्तियों मे तो भगवान दिखाई पड़ना ही चाहिए। कथा रूपी सागर में स्नान करने से मनुष्य का जीवन धन्य हो जाता है
कथा के पूर्व छावनी थानाध्यक्ष दुर्गेश पाण्डे ने कथा व्यास का माल्यार्पणकर स्वागत किया। मुख्य यजमान अनिरुद्ध मिश्रा ने भागवत पुराण की बंदना की,
इस मौके पर बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष प्रेरक मिश्रा, पुरोहित राहुल तिवारी, प्रवीण मिश्रा, ईश्वर चंद्र मिश्र, तीर्थ राज मिश्रा, मधोक मिश्रा, प्रधान प्रतिनिधि राजन मिश्रा, चंद्र नाथ , धर्मेंद्र मिश्रा, शिवा पांडे, रंजीत शुक्ला, प्रदीप कुमार द्विवेदी, रामेंद्र शुक्ला के साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजुद रहे।