Sunday, May 19, 2024
बस्ती मण्डल

आधार कार्ड में जन्मतिथि बदलकर वृद्धावस्था पेंशन ले रहे शख्स के खिलाफ़ जारी हुई रिकवरी नोटिस।

बस्ती। जिले में बहादुरपुर ब्लॉक अन्तर्गत बेलवाडाड़ गांव निवासी राम सूरत ने अपने आधार कार्ड की जन्मतिथि बदलवाकर 60 साल की उम्र से पहले ही अपनी वृद्धावस्था पेंशन बनवा ली। पेशन बनवाने के समय आवेदक राम सूरत की उम्र 58 साल ही थी। मामले में जिला समाज कल्याण अधिकारी, बस्ती ने फर्जी पेशनधारी के खिलाफ़ जांच कराकर रिकवरी नोटिस जारी की है। अवैध पेशन रिकवरी की कुल राशि 4000 रूपये है।

राम सूरत ने कलवारी स्थित झिनकू लाल त्रिवेनी राम चौधरी इंंटर कॉलेज से पढ़ाई की थी। कॉलेज के प्रचार्य की ओर से समाज कल्याण विभाग को दी गई जानकारी में इस बात की पुष्टि हो गई कि शैक्षणिक दस्तावेजों में आवेदक की जन्मतिथि 22/08/1960 अंकित है जब कि पेंशन प्राप्त करने के लिए बनवाए गए फर्जी दस्तावेज (आधार कार्ड) में जन्मतिथि 01/01/1954 अंकित है। राम सूरत ने फर्जी जन्मतिथि वाले आधार कार्ड का इस्तेमाल करके जुलाई 2019 में पेशन के लिए आवेदन दिया था जिसे खण्ड विकास अधिकारी,बहादुरपुर बस्ती ने अगले माह अगस्त में स्वीकृति दे दी थी।

आधार कार्ड की जन्मतिथि बदलकर वृद्धावस्था पेंशन लेने के इस मामले में हाल ही में मंडलायुक्त बस्ती ने जिला समाज कल्याण अधिकारी को फटकार लगाते हुए कहा था कि “इस प्रकरण में सत्य जन्मतिथि की बिना जॉंच कराये अनर्गल प्रलाप किये गये है, जो आपत्तिजनक है।” शिकायतकर्ता प्रेमनारायण का आरोप था कि समाज कल्याण विभाग बस्ती की साठ-गाँठ से जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करके अपात्र वृद्धावस्था पेंशन का लाभ ले रहे हैं।

संबंधित मामले में जिला समाज कल्याण अधिकारी श्रीप्रकाश पाण्डेय ने बीते 18 तारीख को जिलाधिकारी बस्ती को दी गई अपनी आख्या में अंकित किया है कि 60 वर्ष की आयु शैक्षणिक प्रमाण पत्र के अनुसार पूर्ण होने के पूर्व दी गई वृद्धावस्था पेंशन की धनराशि रू. 4000.00 विभागीय प्राप्ति मद में जमा करने हेतु पत्र दिनाक 17 अक्टूबर 2022 द्वारा श्री राम सूरत पुत्र राम केवल को नोटिस प्रषित की जा चुकी है।

जिले में कार्यरत सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. प्रेम नारायण बताते हैं कि “भ्रष्टाचार के खिलाफ़ लड़ाई में यह बड़ी जीत है। हमने इस संबंध में अधिकारियों को पहले ही पर्याप्त प्रमाणिक साक्ष्य भी दिया था लेकिन उन्होंने निष्पक्ष जांच करने के बजाय अब लगातार भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने का ही काम किया। अगर भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज नहीं उठी और अधिकारियों की मनमानी चलती रही तो तमाम पात्र जरूरतमंदों के साथ अन्याय होगा। “