Sunday, May 5, 2024
हेल्थ

सर्वश्रेष्ठ निक्षय मित्र को राज्यपाल करेंगी सम्मानित

– वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य

बस्ती। सर्वश्रेष्ठ निक्षय मित्र को राज्यपाल की ओर से सम्मानित किया जाएगा। निक्षय मित्र टीबी के मरीज को गोद लेकर उन्हें पौष्टिक आहार उपलब्ध करा रहे हैं। राज्य क्षय नियंत्रण अधिकारी एवं संयुक्त निदेशक (क्षय) ने प्रदेश के सभी जिला क्षय अधिकारियों को पत्र लिख कर उत्कृष्ट कार्य करने वाले सर्वश्रेष्ठ निक्षय मित्र का विवरण मांगा है। निक्षय मित्र योजना के तहत कोई भी व्यक्ति निक्षय मित्र बनकर टीबी (क्षय) रोग के खिलाफ शुरू की गई राष्ट्रव्यापी जंग में अपना योगदान दे सकता है।
प्रभारी सीएमओ डॉ. सीएल कन्नौजिया ने बताया कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाना है। इस अभियान में जुड़ने के लिए उन्होंने लोगों से निक्षय मित्र बनने का उन्होंने आह्वान किया। कहा कि देश ने सम्मलित प्रयासों से पोलियो और कोरोना के खिलाफ जंग जीती गई है, उसी प्रकार टीबी के खिलाफ जंग को जीतने के लिए सम्मिलित प्रयास किया जाना है।
प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान को जन-आंदोलन बनाने के लिए निक्षय मित्र योजना की भी शुरुआत की गई है।

क्या है निक्षय मित्र योजना
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. एके मिश्रा ने बताया कि निक्षय मित्र योजना के तहत टीबी से पीड़ित को गोद लिया जा सकता है। स्वयंसेवी संस्था, औद्योगिक इकाई या संगठन, राजनीतिक दल, अधिकारी, कर्मचारी या कोई भी व्यक्ति टीबी मरीज को गोद ले सकेगा। मरीज के इलाज में मदद करने के साथ ही उसके लिए हर माह पौष्टिक आहार की व्यवस्था करानी होती है।
निक्षय मित्र बनने वाला व्यक्ति या संस्था कम से कम एक साल के लिए और अधिक से अधिक तीन साल के लिए किसी ब्लॉक, वार्ड या जिले के टीबी रोगियों को गोद लेकर उन्हें भोजन, पोषण आदि जरूरी मदद उपलब्ध करा सकता है। अभियान से जुड़ने के लिए उसे निक्षय पोर्टल पर रजिस्टर किया जाएगा। वर्तमान में जिले में 26 निक्षय मित्र हैं।

योजना का उद्देश्य
क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के जिला कार्यक्रम समन्यवक अखिलेश चतुर्वेदी ने बताया टीबी मुक्त भारत अभियान को जन-आंदोलन बनाकर आमजन को यह संदेश देना होगा कि इस बीमारी को समाप्त किया जाना संभव है। इलाज आसान और नि:शुल्क है। यह भी बताना होगा कि टीबी के कीटाणु अधिकांश व्यक्ति के शरीर में मौजूद होते हैं। जब शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है तो टीबी के कीटाणु सक्रिय होकर रोगी बना देते हैं। समय से व नियमित इलाज से इस बीमारी से जरूर छुटकारा मिल सकता है।