Saturday, May 18, 2024
हेल्थ

महिला बन्दियों की पहली बार हुई क्षय रोग व एचआईवी जांच

-पोषण के सम्‍बन्‍ध में बन्दियों के साथ जेल अधिकारियों को दी गयी जानकारी

संतकबीरनगर। जिला कारागार में महिला बन्दियों की पहली बार क्षय रोग व एचआईवी जांच की गयी। जांच के दौरान कोई भी महिला बन्‍दी क्षय रोग, एचआईवी तथा किसी अन्‍य रोग से पीड़ित नहीं पाई गई। इस दौरान जांच टीम के चिकित्‍सक ने क्षय रोग व एचआईवी के बारे में जानकारी दिया तथा कैदियों के पोषण के सम्‍बन्‍ध में जेल के अधिकारियों से बात की । अधिकारियों ने बताया कि उन्‍हें जेल मैनुअल के अनुसार भोजन दिया जाता है।

मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी डॉ अनिरुद्ध कुमार सिंह के निर्देशन में महिला बन्दियों की क्षय रोग, एचआईवी व अन्‍य रोगों की जांच तथा पोषण संबंधित जनजागरूकता के लिए गठित टीम जिला कारागार में पहुंची। जिला क्षय रोग / एड्स नियंत्रण अधिकारी डॉ एस डी ओझा की अगुवाई में पहुंची टीम ने जेल में बन्‍द 30 महिला बंदियों की टीबी और एचआईवी के साथ ही अन्‍य रोगों की जांच की। इसके साथ ही 70 पुरुष कैदियों की भी जांच की गयी। इस दौरान चिकित्‍सक डॉ वरुणेश दूबे ने बंदियों को बताया कि वह अपने शरीर की इम्‍यूनिटी को बनाए रखने के लिए निरन्‍तर योग करें तथा पोषणयुक्‍त भोजन लें। एचआईवी से बचाव के लिए उन्‍हें बताया गया कि वह किसी के साथ अप्राकृतिक और असुरक्षित तरीके से यौन सम्‍बन्‍ध न बनाएं। अन्‍यथा उनके शरीर में यह रोग हो सकते हैं। इस दौरान फार्मासिस्‍ट घनश्‍याम सिंह, डीएन सिंह और गिरिजेश श्रीवास्‍तव ने बंदियों के रक्‍त के नमूने लिए। इस दौरान राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के जिला कार्यक्रम समन्‍वयक अमित आनन्‍द भी मौजूद रहे।

एक बन्‍दी में क्षय रोग की पुष्टि

जिला कार्यक्रम समन्‍वयक बताते हैं कि जिला जेल में चार बार क्षय रोग जांच के लिए शिविर लगाया जा चुका है। महिला बन्दियों की क्षय रोग व एचआईवी जांच पहली बार की गयी है। पिछले दिनों पुरुष बंदियों की जांच के दौरान 18 संभावित क्षय रोगी मिले थे जिसमें से एक के अन्‍दर क्षय रोग की पुष्टि हुई है। जेल में 3 अन्‍य बंदी पहले से ही क्षय रोग के पॉजिटिव थे, उनका इलाज अब पूरा होने वाला है। एक पुरुष बंदी में एचआईवी के लक्षण पाए गए हैं। उनकी जांच कराई जा रही है।

जेल मैनुअल के हिसाब से दिया जाता है पोषक आहार

जिला कारागार के जेलर जे. आर. वर्मा बताते हैं कि जेल में पहली बार महिला बन्दियों की शिविर लगाकर टीबी, एचआईवी तथा अन्‍य रोगों की जांच हुई है। अन्‍य किसी परेशानी के लिए जेल के चिकित्‍सक और अन्‍य स्‍टॉफ तैनात हैं। वर्तमान समय में जेल में कुल 30 महिलाएं हैं। इनमें से कोई गर्भवती नहीं है। तीन ऐसी महिलाएं हैं जिनके बच्‍चे छ: साल से कम आयु के हैं। महिलाओं और बच्चों को जेल मैनुअल के हिसाब से पोषक भोजन प्रदान किया जाता है।