रक्त की कमी को दूर करने के लिए 17 को लगेगा रक्तदान का मेगा कैम्प
-17 सितम्बर से 1 अक्टूबर तक जनपद में आयोजित होंगे आउटडोर शिविर
संतकबीरनगर। रक्तदान सामाजिक एकजुटता का प्रतीक है, प्रयास में सम्मिलित होकर जीवन बचाएं के स्लोगन के साथ आगामी 17 सितम्बर को रक्तदान के मेगा कैम्प का आयोजन किया जाएगा। इस मेगा कैम्प के साथ ही रक्तदान पखवाड़े का 17 सितम्बर से एक अक्टूबर तक आयोजन किया जाएगा। इसमें सभी स्वैच्छिक संस्थाओं के साथ ही साथ आम जनमानस भी सहयोग करे तथा मेगा कैम्प में अधिक से अधिक लोग प्रतिभाग करें। इस कैम्प की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि कैम्प में मिला रक्त बिना डोनर के ही किसी जरुरतमंद को दिया जा सकेगा।
यह जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अनिरुद्ध कुमार सिंह ने बताया कि राज्य रक्त संचरण परिषद के निर्देश पर पर आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य है कि किसी भी व्यक्ति के जीवन को बचाने के लिए अगर उसको कभी अचानक रक्त की ज़रूरत पड़े, तो उसके जीवन के लिए सुरक्षित रक्त आसानी से उपलब्ध हो सके और उसकी जान बचाई जा सके। रक्तदान से प्राकृतिक आपदा, दुर्घटना,हिंसा और चोट के कारण घायल, गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्ति, प्रसव और नवजात बच्चों की देखभाल में रक्त की आवश्यकता, थैलीसीमिया जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित बच्चों को रक्त की आवश्यकता तथा समय-समय पर अन्य अनेक प्रकार की सुरक्षित रक्त की जरूरत पूरी होती है।
रक्तकोष के प्रभारी डॉ ए पी मिश्र ने बताया कि जिले में कुल तीन रक्त संग्रह केन्द्र हैं, जबकि जिला मुख्यालय पर एक ब्लड बैंक है। इसकी क्षमता कुल 350 यूनिट रक्त की है। वर्तमान में केवल 50 यूनिट रक्त उपलब्ध है। हर महीने 150 से 200 यूनिट रक्त की आवश्यकता जिले को होती है। इसमें जो व्यक्ति डोनर लेकर आते हैं उन्हें रक्त दिया जाता है। लावारिश व्यक्ति, कैदी, जननी सुरक्षा योजना, असाध्य रोग व हीमोफीलिया के रोगियों को बिना डोनर के ही रक्त दिया जाता है। मेंहदावल तथा हैसर बाजार में भी रक्त संग्रह केन्द्र हैं।
जिले में एक ब्लड बैंक, होता है रक्तदान
रेडक्रॉस सोसायटी के सदस्य व जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ आर पी मौर्या ने बताया कि जिले में समय समय पर रक्तदान होता है। जिले की स्वयंसेवी संस्थाएं जैसे रोटरी क्लब, आर्ट ऑफ लिविंग, व्यापार मंडल,इंजीनियर्स संघ, एनएसएस, एनसीसी, रेडक्रास सोसायटी और स्काउट गाइड के साथ ही विभिन्न अस्पतालों के द्वारा रक्तदान का आयोजन होता है। जिले में एक मोबाइल यूनिट भी है, जो कहीं पर भी जाकर रक्तदान शिविर आयोजित करवा सकती है। रक्तदान के लिए अधिक से अधिक लोग जुटें तथा मेगा कैम्प को सफल बनाएं।
रक्तदान करने से शरीर में होता है नए रक्त का निर्माण
डॉ मौर्या बताते हैं कि रक्तदान के सम्बन्ध में लोगों ने भी तरह-तरह की भ्रांतियां मन में पाल रखी हैं। अधिकतर लोगों में अब भी यह भ्रांति फैली हुई है कि एक बार या बार बार रक्तदान करने से शरीर में रक्त की भारी कमी हो जाती है, जो बिल्कुल झूठ है। रक्तदान से शरीर में रक्त की कोई कमी नहीं होती है, बल्कि रक्त बढ़ता है और शरीर में नये शुद्ध रक्त का संचार होता है। एक स्वस्थ मनुष्य में रक्तदान करने के बाद 21 दिनों के भीतर ही शरीर अपनी जरूरत के मुताबिक पुनः रक्त निर्माण कर लेता है, इसलिए सभी को रक्तदान करना चाहिए।
रक्तदान करके बचाएं दूसरों का जीवन – गगनदीप
रक्तदान करने वाले सरदार गगनदीप सिंह शैंकी बताते हैं कि रक्तदान करने से किसी प्रकार की शारीरिक कमजोरी नहीं आती है। शरीर में नया रक्त बनता है। मैने अभी तक 7 बार रक्तदान किया है। इसके बावजूद मेरा शरीर कमजोर नहीं है। रक्तदान करने से उर्जा मिलती है। इसके साथ ही यह मानसिक संतोष मिलता है कि हमारे रक्त से किसी दूसरे का जीवन बचेगा। इसलिए रक्तदान अवश्य करें।