Saturday, May 18, 2024
हेल्थ

अंतरा लगवाएं और प्रति डोज 100 रुपये भी पाएं

शादी के बाद दो साल तक बच्चा न चाहने और दो बच्चों के जन्म में अंतर रखने में कारगर है अंतरा इंजेक्शन

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गोरखपुर,। दम्पति के बीच समझदारी बढाने और मां-बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य व पोषण के लिए आवश्यक है कि शादी के दो साल बाद ही पहले बच्चे की योजना बनायी जाए | इसके अलावा दो बच्चों के जन्म में कम से कम तीन साल का अंतर रखा जाए । इसमें बेहद कारगर है-गर्भनिरोधक साधन त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन | इसकी डोज हर तीन महीने पर लेनी होती है। दो से पांच साल तक गर्भनिरोधन में यह मददगार है । जिले में अंतरा अपनाने वाली प्रत्येक लाभार्थी महिला को प्रति डोज 100 रुपये देने का प्रावधान 01 अप्रैल 2022 से किया गया है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि वर्ष 2020-21 में 8092 महिलाओं ने त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन को पसंद किया है। इस साल अप्रैल से जून माह तक 1421 महिलाओं ने अंतरा अपनाया । इसकी सुविधा सीएचसी, पीएचसी, न्यू पीएचसी और ज्यादातर स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर उपलब्ध है | आशा कार्यकर्ता की मदद से यह सुविधा ली जा सकती है। अंतरा की लाभार्थी को सुविधा दिलवाने वाली आशा कार्यकर्ता को भी 100 रुपये प्रति डोज देने का प्रावधान है । इंजेक्शन का पहला डोज चिकित्सक या कम्युनिटी हेल्फ ऑफिसर (सीएचओ) द्वारा लाभार्थी की स्क्रिनिंग होने के बाद ही प्रशिक्षित एएनएम या स्टॉफ नर्स से लगवाना है । इस सेवा को सुदृढ़ करने में उत्तर प्रदेश टेक्निकल सपोर्ट यूनिट (यूपीटीएसयू) के जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ अहम भूमिका निभा रहे हैं।

महानगर से सटे हैदरगंज क्षेत्र की रहने वाली नंदिनी (25) ने आशा कार्यकर्ता गीता की सलाह पर जून में अंतरा इंजेक्शन का पहला डोज लिया है । वह बताती हैं कि उनके पति और उनको आशा कार्यकर्ता ने परिवार नियोजन के सभी साधनों के बारे में बताया जिसमें उन्हें इंजेक्शन का सुझाव अच्छा लगा । चिकित्सकीय जांच के बाद उन्हें इंजेक्शन लगाया गया । एक महीने हो चुके हैं लेकिन किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हुई । चूंकि पहले ही उन्हें सारी बातें बतायी जा चुकी थीं, इसलिए मन में किसी प्रकार का भय भी नहीं था।

जंगल धूषण न्यू पीएचसी की एएनएम श्वेता सिंह का कहना है कि अंतरा इंजेक्शन लगवाने के बाद न तो सिंकाई करनी है और न ही इंजेक्शन वाले स्थान पर मालिश करना है । यह इंजेक्शन बांह, कूल्हे या जांघ में लगाया जाता है। यह इंजेक्शन लगवाने के तुंरत बाद प्रभावी होता है और निर्धारित तिथि पर लगवाने से इसकी प्रभावशीलता बनी रहती है। जिन महिलाओं को गर्भनिरोधक गोली खाने में दिक्कत है, वह इस विधि का इस्तेमाल कर सकती हैं। स्तनपान कराने वाली महिला के लिए उपयुक्त है । कुछ मामलों में माहवारी की ऐंठन को कम करता है। गर्भाशय व अंडाशय के कैंसर से बचाव के साथ-साथ खून की कमी में फायदेमंद है। इस इंजेक्शन को बंद करने के बाद पुनः गर्भधारण में सात से दस माह लग जाते हैं । अगर बच्चों में तीन साल का अंतर रखना है तो इंजेक्शन का चार से पांच डोज ही काफी है ।