Wednesday, July 3, 2024
बस्ती मण्डल

हर्रैया सहित 12अधीक्षकों/चिकित्सकों का हुआ स्थानांतरण समाजसेवी की मेहनत का असर

बस्ती। बुधवार देर शाम जिलाधिकारी बस्ती के निर्देश के क्रम में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हर्रैया के प्रभारी अधीक्षक सहित जनपद के 12अधीक्षकों/चिकित्सकों का स्थानांतरण करते हुए मुख्यचिकित्साधिकारी बस्ती ने जनहित व कार्यहित में तत्काल नये केन्द्रों पर कार्यभार ग्रहण करने का निर्देश दिया है। ज्ञात हो कि जहां नियमानुसार एक अधीक्षक किसी केन्द्र पर अधिकतम तीन साल रह सकता है वहीं राजनीतिक संरक्षण प्राप्त ये अधिक्षक पांच वर्षों से भी अधिक एक ही केन्द्र पर कब्जा जमाये बैठे थे जिसके विरुद्ध समाजसेवी चन्द्रमणि पाण्डेय (सुदामाजी) ने 26 अगस्त को तब मोर्चा खोल दिया था जब उन्होंने देखा कि अधीक्षक आशाओं का उत्पीड़न करते हैं व हताहतों का मेडिकल रिपोर्ट बनाने में भी मनमानी करते है ऐसे में तहसील दिवस से लेकर मुख्यचिकित्साधिकारी बस्ती व जिलाधिकारी बस्ती को जनहित के सात सूत्रीय मांगों के साथ अधीक्षकों के मनमानी की लम्बी सूची सौंपते हुए बताया कि इनके द्वारा जहां प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के चिकित्सकों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में सम्बध्द कर दिया गया है। जिससे क्षेत्र का काशीपुर,इंदौली, बेलभरिया प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र चिकित्सक विहीन है।आशाओं का सुविधाशुल्क के नाम पर उत्पीड़न होता है व समय पर मानदेय भुगतान नहीं होता है । सामान्य मरीजों को भी बाहर से अनेक जांच व दवायें लिखी जाती हैं इतना ही नहीं हताहतों का मेडिकल रिपोर्ट भी नहीं बनाया जाता उन्होंने बताया कि 19अगस्त को गोली के शिकार पूर्व प्रधान रेवरादास ओमप्रकाश तिवारी के लडके का न तो मेडिकल रिपोर्ट बनाया गया न ही रेफर कागज में मेडिकल जांच होने का जिक्र ही किया गया जो कि सिद्ध करता है कि अधीक्षकों द्वारा केन्द्रों पर जमकर मनमानी किया जा रहा है ऐसे में नियमों के अनुपालन व जनहित में तीन वर्षों से अधिक समय से कार्यरत समस्त अधीक्षकों को स्थानांतरित कर मनमानी पर अंकुश लगाया जाय जिसके सन्दर्भ में 25/09/2020 को जिलाधिकारी बस्ती ने सम्बन्धित अधिकारियों को पत्र लिखकर निर्देश तो दिया किन्तु कोई कार्यवाही न होने की दशा में श्री पाण्डेय ने 01/10/2020 को जिलाधिकारी कार्यालय पर बेमियादी धरने का न केवल ऐलान किया अपितु धरना स्थल पहुंचने से रोके जाने की दशा में हर्रैया थाना में ही जमीन पर अनशन पर बैठ गये अंततः उपजिलाधिकारी हर्रैया के माध्यम से फोन पर वार्ता कर जिलाधिकारी बस्ती ने शीघ्र समस्या समाधान का आश्वासन देते हुए अनशन समाप्त कराया था ।