Saturday, May 18, 2024
बस्ती मण्डल

महान योद्धा बाबा बंदा सिंह बहादुर का 306वां बलिदान दिवस मनाया

बस्ती। सनातन धर्म संस्था के तत्वावधान में गुरुवार को महान योद्धा , सनातन धर्म रक्षक, वीर शिरोमणि त्याग और संयम की प्रतिमूर्ति बाबा बंदा बहादुर सिंह का बलिदान दिवस मनाया गया व उनको श्रद्धाजंलि दी गयी।
प्रेस क्लब में आयोजित कार्यक्रम में सबसे पहले हवन करके बाबा बंदा सिंह वैरागी को श्रद्धांजलि दी, पंडित संजीव मिश्र द्वारा बोले गये मंत्रो और उनके अर्थो को बच्चों और अतिथियों ने समझा और यज्ञ में आहुतियाँ दीं।मुख्य यजमान अस्थि रोग चिकित्सक डॉ आलोक पाण्डेय, शिक्षाविद अनिरुद्ध त्रिपाठी व उपस्थिति बच्चों ने यज्ञ के बाद विश्व कल्याण की प्रार्थना की व बंदा वैरागी जी के चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की। हवन के बाद वीर बलिदानी की जीवन पर आधारित परिचर्चा व राष्ट्र व धर्म के प्रति ने हमारे दायित्व विषय पर बोलते हुये शक्ति संगठन की सदस्य रिमझिम गुप्ता ने अपने ओजपूर्ण सम्बोधन में कहा कि बाबा के बलिदान के विषय में कुछ ही लोग जानते हैं। 45 वर्ष की आयु में उन्होंने अनेक लड़ाइयां लड़ी। वर्ष 1715 में उन्हें 800 साथियों के साथ धोखे से पकड़ लिया गया और धर्म को बदलने के लिए अनेक प्रताडऩाएं दी गई, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उनके बच्चे के कलेजे को निकालकर उनके मुँह में ठूस दिया गया लेकिन उन्होंने इस्लाम क़ुबूल नही किया। हमें ऐसे वीरों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करनी चाहिए।
शिक्षक योगेश शुक्ल ने कहा कि बाबा बंदा बहादुर सिंह भारतीय इतिहास के वह स्वर्ण अक्षर है। जिन्होने हिन्दूत्व की रक्षार्थ न केवल अपने प्राण की बलि दी। बल्कि मुगल अत्याचारी शासकों का जीना दुभर कर दिया था। आज हमे उनको श्रद्धाजंलि अर्पित करने के साथ साथ संकल्प लेना चाहिए कि बाबा जी ने हिन्दूत्व की रक्षार्थ जो राह समाज को दिखाई उसका अनुसरण करते हुए हमे प्रत्येक हिन्दू परिवार की अपने प्रण प्राण से सुरक्षा संरक्षा करनी होगी। अखिलेश दूबे ने कहा कि आज का दिन हमारे गर्वोक्त श्रद्धाजंलि का है। हमे गर्व है हमारे मध्य ऐसी महान आत्माओ के कारण ही सनातन धर्म हमेशा संघर्षरत रहा है। बंदा सिंह बहादुर अकेले ऐसे योद्धा हुए हैं, जिन्होंने मुगलों के अजेय होने के भ्रम को तोड़ा। वो मुगलों के खिलाफ सभी लड़ाई जीते थे। अंत में उन्हें षड्यंत्र के तहत पकड़ लिया गया और तरह तरह की यातनाये दी गई लेकिन उन्होंने फिर भी इस्लाम नही कुबूल किया तब उनको हाथी से कुचलवा कर उनकी हत्या कर दी गई।
कार्यक्रम को डॉ आलोक पाण्डेय, सेवानिवृत शिक्षक अनिरुद्ध त्रिपाठी, योग सुभाष वर्मा, अनुराग शुक्ल ने सम्बोधित किया श्रृंखला गुप्ता, श्वेतान्स कुमार मिश्र, सुयश मिश्र ने वीर रस की कविताओं का पाठ कर देश व धर्म के प्रति जागरूकता फैलाई। कार्यक्रम में विचार रखने वाले व कविता पाठ करने वाले बच्चों को सनातन धर्म संस्था की तरफ से मंचासीन अतिथियों पुरस्कार दिये गये।कार्यक्रम में सम्मिलित हुये बच्चों को शक्ति संगठन की संचालिका कात्यायनी दूबे व पूजा दूबे द्वारा बच्चों को उपहार भेंट किये गये।
कार्यक्रम के अंत में अध्यक्षता कर रहे सेवा निर्वित्त कर्नल के सी मिश्र ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया और समापन की घोषणा की।
इस अवसर पर पंकज त्रिपाठी, संदीप, अभय, महेंद्र, शिवम, अनुज, शीतल, ओम, अनंत, अवनी, अनुज आदि रहे।