Thursday, July 4, 2024
साहित्य जगत

तुम ही मेरे सारे….

तुम ही मेरे सारे आकाश तुम ही मेरे चांद सितारे
लगते मुझको प्यारे ये
संग साथ तुम्हारे
जीवन की बगिया में
सुख दुख साथ बिताएं
है हृदय में वास तुम्हारा
जहां तुम वहां हम
तेरा ह्रदय मेरा ठिकाना।
कब्जा है मेरा तेरे हृदय पर
है चर्चा यह जोरों पर।
करी है मैंने यह मुनादी
चाहे अगर कोई तुझसे मिलना
तो मांगे इजाजत मुझसे
करना है सेट ऐसा एक पासवर्ड की जब भी कोई
तुम्हें देखना चाहे
तो एक ओटीपी हर बार मेरे पास आए‌।

,©डाक्टर महिमा सिंह
लखनऊ(उत्तर प्रदेश)