Sunday, May 19, 2024
साहित्य जगत

काम सही निस्वार्थ किया है.

काम सही निस्वार्थ किया है.
आप के आदेशार्थ किया है.

जोकुछ किया अभीतक हमने-
मानव कल्याणार्थ किया है.

मंत्री का पद दे कर दल में-
तुम ने हमें कृतार्थ किया है.

जीवन सफर का हमने यारों-
चित्रण सदा यथार्थ किया है.

काम टेरेसा ने जीवन-भर-
रोगी की सेवार्थ किया है .

अविनाशी नाचीज़ को तुमने-
द्रव्य -मान पदार्थ किया है.

गौतम ने बचपन का अपने-
सफल नाम सिद्धार्थ किया है.

हम ने जीवन में आन्दोलन-
निज बोली भाषार्थ किया है.

अर्जुन नाम बदल इन्होंने-
महाभारत में पार्थ किया है.

लक्ष्य ध्यान में रखके हमने-
मनुष्योंचित पुरुषार्थ किया है.

सुगम ज्ञान के द्वारा हम ने-
बारीकी शब्दार्थ किया है.

सत्ता -मद में चूर इन्होंने-
ईस्ट दिशा को नार्थ किया है.

सत्ता पा कर आज इन्होंने-
सिद्ध अपनाबस स्वार्थ किया है.

काम सदा ही इन्होंने यारों!-
नुकसान नहीं लाभार्थ किया है.

लेकिन तुम ने तो यारों! बस-
काम सिर्फ पुण्यार्थ किया है.

पैंतीस बरस काम को हमने-
जीवन में निस्वार्थ किया है.

तुम ने तो सत्ता में आकर-
सिर्फ काम धर्मार्थ किया है.

बाबा साहेब की भांति खुलके-
हमने सदा शास्त्रार्थ किया है.

मूल अवतरण का भी हमने-
सही लघु भावार्थ किया है.

डॉ सुरेश उजाला
लखनऊ(उत्तर प्रदेश)