Sunday, May 19, 2024
हेल्थ

‘एक कदम सुरक्षित मातृत्‍व की ओर’ अभियान से सुरक्षित होंगे जच्‍चा – बच्‍चा

-एक से 31 मई तक पूरे जिले में चलाया जाएगा विशेष अभियान

संतकबीरनगर।(सुभाष सिंह) गर्भावस्‍था तथा प्रसव के उपरांत महिलाओं के बेहतर पोषण के लिए सूक्ष्‍म पोषक तत्‍वों से संतृप्‍त करने तथा मातृ स्‍वास्‍थ्‍य कार्यक्रम के अन्‍तर्गत उन्‍हें भोजन सम्‍बन्‍धी विशेष सलाह देने की दिशा में निरन्‍तर प्रयास किए जा रहे हैं। शिशु व मां का स्‍वास्‍थ्‍य उत्‍तम रहे तथा इन तत्‍वों की कमी से होने वाली बीमारियों से मां और शिशु को बचाया जा सके इसे ध्‍यान में रखते हुए ‘ एक कदम सुरक्षित मातृत्‍व की ओर’ अभियान आगामी एक मई से 31 मई तक चलाया जाएगा।

अपर मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी परिवार कल्‍याण डॉ मोहन झा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी डॉ इन्‍द्र विजय विश्‍वकर्मा के दिशा-निर्देशन में इस अभियान के दौरान, सभी गर्भवती जो प्रथम त्रैमास में है उनको पहले त्रैमास के अन्‍त तक फोलिक एसिड का वितरण किया जाएगा। दूसरे व तीसरे त्रैमास की सभी गर्भवती को वितरित की गयी आयरन व कैल्शियम को गोलियों के सेवन के बारे में जानकारी ली जाएगी। दूसरे व तीसरे त्रैमास की सभी गर्भवती को गर्भावस्‍था के दौरान एक एलबेंडाजोल की गोली आशा कार्यकर्ता द्वारा अपने सामने खिलाई जाएगी। गर्भवती की वजन व लम्‍बाई को एमसीपी कार्ड में रिकार्ड किया जाएगा और उनके पेट की जांच होगी । हाई रिस्‍क प्रेगनेन्‍सी की पहचान करके उनको सम्‍बन्धित चिकित्‍सा इकाई पर रेफर किया जाएगा। जिनके बच्‍चे कम अन्‍तराल पर पैदा हुए हैं उनको परिवार नियोजन के स्‍थाई और अस्‍थायी साधनों के प्रति जागरुक किया जाएगा। इस अभियान में प्रभारी चिकित्‍सा अधिकारी के साथ ही एएनएम, आशा कार्यकर्ता व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपनी भूमिका का निर्वहन करेंगी। सुपोषित गर्भवती से जच्चा-बच्चा की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है ।

 

*विविध कार्यक्रमों से माताओं के स्‍वास्‍थ्‍य व पोषण में सुधार*

सुरक्षित मातृत्‍व अभियान की जिला परामर्शदाता संगीता बताती हैं कि ( नेशनल फैमिली हेल्‍थ सर्वे ) एनएफएचएस – 5 (2020-21) में एनएफएचएस -4 (2015 -16 ) के सापेक्ष प्रदेश स्तर के संकेतकों में बेहतर सुधार आया है। प्रथम तिमाही में प्रसव पूर्व जांच 46 प्रतिशत से बढ़कर 63 प्रतिशत हुई है। प्रसव पूर्व देखभाल ( 4 एएनसी ) 26 प्रतिशत से बढ़कर 42 प्रतिशत हो गया है। 84 प्रतिशत माताओं को उनके गर्भकाल में आयरन फॉलिक एसिड की गोली दी गयी। गर्भवती जिन्‍होने गर्भावस्‍था के दौरान कम से कम 100 आयरन की गोलियों का सेवन किया यह प्रतिशत 13 से बढ़कर 22.3 प्रतिशत हो गया है। इसी प्रकार 180 गोलियों का उपयोग करने वाली महिलाओं की संख्‍या 3.9 प्रतिशत से बढ़कर 9.7 प्रतिशत हो गयी है।

*अभियान की महत्‍वपूर्ण तिथियां*

राज्‍य स्‍तरीय अभिमुखीकरण – 23 अप्रैल, जिला स्‍तरीय अभिमुखीकरण 25 अप्रैल, ब्‍लाक स्‍तरीय अभिमुखीकरण 26 से 30 अप्रैल , एक मई को समस्‍त ब्‍लाक, ग्रामीण एवं जनपद स्‍तर पर शहरी क्षेत्र में अभियान का शुभारंभ किया जाएगा। एक मई से 24 मई तक सभा स्‍वास्‍थ्‍य इकाइयो की ओपीडी / आईपीडी, मुख्‍यमन्‍त्री जन आरोग्‍य मेला, प्रधानमन्‍त्री सुरक्षित मातृत्‍व दिवस व वीएचएनडी सत्र के माध्‍यम से जन जागरुकतात एवं आयरन, कैल्शियम, फोलिक एसिड व एलबेंडाजोल की गोलियों के वि‍तरण के साथ ही समग्र स्‍वास्‍थ्‍य व पोषण सेवाएं दी जाएंगी। 25 से 31 मई तक मॉप अप सप्‍ताह के तहत क्षेत्र की छूटी हुई गर्भवती व धात्री महिलाओं को आयरन फॉलिक एसिड, कैल्शियम व एलबेंडाजोल के साथ अन्‍य सेवाएं दी जाएंगी।