Saturday, June 29, 2024
हेल्थ

सिद्धार्थनगर के अजहान को बस्ती एनआरसी से मिली नई जिंदगी

– अति कुपोषित हालत में एनआरसी में कराया गया था भर्ती

बस्ती।सिद्धार्थनगर जिले के रहने वाले फिरोज अहमद के डेढ़ साल के बच्चे अजहान को जिला अस्पताल बस्ती स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में नई जिंदगी मिली है। अजहान को अति कुपोषण की हालत में एनआरसी में भर्ती कराया गया था। बच्चा बुरी तरह खून की कमी से ग्रस्त था। उसकी गंभीर हालत को देखते हुए खून भी चढ़ाया गया। स्वास्थ्य में सुधार होने के बाद उसे एनआरसी से छुट्टी दे दी गई। माता-पिता से कहा गया है कि वह फॉलोअप के लिए बच्चे को 14 दिन बाद जरूर लेकर आएं। साथ ही जो दवाएं दी गई हैं, उसका सेवन कराते रहेंस

एनआरसी की डॉयटीशियन रेनू ने बताया कि डेढ साल के बच्चे को उसके घर वाले 15 दिन पूर्व जिला अस्पताल में बालरोग विशेषज्ञ डॉ. सरफराज खान को दिखाने आए थे। उस समय बच्चे का वजन छह किलोग्राम था। बच्चा बुखार, दस्त व डिहाईड्रेशन का शिकार था , और उसकी हालत दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही थी। चिकित्सक ने उसे एनआरसी में भर्ती कराने की सलाह दी। यहां पर उसे भर्ती कर जब खून की जांच कराई गई तो उसके शरीर में छह ग्राम से भी कम खून मौजूद था।

चिकित्सक की सलाह पर तत्काल 100 एमएल खून चढ़ाया गया। इसके बाद अन्य दवाएं शुरू कराई गईं। एक सप्ताह बाद उसकी हालत में काफी सुधार नजर आने लगा। दो सप्ताह में उसका वजन लगभग 15 प्रतिशत बढ़ गया था। बच्चा खाने-पीने व खेलने लगा। बाल रोग विशषज्ञ डॉ. सरफराज खान ने बताया कि बच्चा उस समय अत्यंत कुपोषण की श्रेणी में था। अगर उसकी यही हालत कुछ और दिन बनी रहती तो उसके लिए खतरा हो सकता था। इसके अलावा कुपोषण की हालत में अन्य बीमारियों से ग्रसित होने की आशंका भी बढ़ जाती है। ऐसे में एनआरसी में हुआ इलाज बच्चे के लिए वरदान है। बच्चे के पिता फ़िरोज़ अहमद का कहना था की सभी इलाज निःशुल्क हुआ है। इलाज से वह काफी खुश हैं।

51 अति कुपोषित बच्चों को किया जा चुका है भर्ती
एनआरसी में पहली अप्रैल से अब तक 51 अतिकुपोषित बच्चों को भर्ती किया जा चुका है। इसमें से 45 बच्चे स्वस्थ होकर अपने घर भी जा चुके हैं। अतिकुपोषित बच्चों को यहां दो सप्ताह रखकर उनका इलाज किए जाने की पूरी व्यवस्था है। इसके अलावा बच्चे को पोषक आहार व तीमारदार को अस्पताल से ही खाना दिया जाता है। एसीएमओ आरसीएच डॉ. सीके वर्मा ने बताया कि आंगनबाड़ी द्वारा अति कुपोषित बच्चों को चिन्ह्ति कर एनआरसी में भर्ती कराया जाता है। इसके अलावा बालरोग विशेषज्ञ अपने स्तर से भी अति कुपोषित बच्चों को इलाज के लिए यहां भेजते हैं। एनआरसी में मानक की जांच के बाद बच्चे को भर्ती कर लिया जाता है। यहां से डिस्चार्ज होने के बाद भी बच्चे का फॉलोअप किया जाता है। एक बार कुपोषण की हालत से निकलने के बाद बच्चा स्वस्थ होने लगता है।