Wednesday, June 26, 2024
साहित्य जगत

जलियांवाला बाग हत्याकांड निस्वार्थी देशभक्ति समूह पर श्रद्धांजलि काव्यगोष्ठी

जलियांवाला बाग हत्याकांड की याद में शहीदों को काव्यात्मक श्रद्धांजलि स्वरूप आनलाइन काव्यपाठ का विशेष आयोजन 13.04.2022 को किया गया।

जिसमें देश के कोने कोने से कवियों कवयित्रियों ने भाग लेकर अपनी रचनाओं के माध्यम से अपनी मार्मिक, सुंदर रचनाओं से अपनी श्रद्धांजलिया दी।
काव्य गोष्ठी के मुख्य अतिथि आ० जगबीर कौशिक( इंस्पेक्टर बी एस एफ)एवं अति विशिष्ट अतिथि निर्दोष लक्ष्य जैन धनबाद, समूह संस्थापक अशोक कुमार जाखड, सह संस्थापिका/कार्यक्रम की अध्यक्षा डा० अर्चना श्रेया, मुख्य संरक्षक आनंद कुमार आशोधिया पूर्व वांरट आफिसर वायुसेना,
मुख्य मार्ग दर्शक कवि कृष्ण चन्द्र रोहणा, महीपाल सिंंह आर्या, सुरेन्द्र सिहं सांगवान, सुधीर श्रीवास्तव (उपाध्यक्ष), डा० विनोद गौड, महीपाल सिंह बाबल, सुरेश कुमार सुलोदिया( विशिष्ट अतिथि) , पत्रकार सुनिल खनेजा (समूह मीडिया प्रभारी), मनजीत कौर की गरिमा मय उपस्थित के बीच संपन्न हुआ।
गोष्ठी का शुभारंभ डा. विनोद गौड़ द्वारा सरस्वती वंदना के साथ शुरू हुआ। काव्य गोष्ठी में शामिल रचना कारों में लाडो कटारिया, बलबीर सिंह ढाका, प्रकाश राय, अनन्तराम चौबे अनन्त , रामनिवास तिवारी आशुकवि, नन्दकुमार मरवडे, डॉ गीता पांडे अपराजिता, ममता वैरागी, सत्येंद्र पाण्डेय ‘शिल्प’, ईश्वर चंद्र जायसवाल, डॉ. पोपट बिरारी, डा० अम्बे कुमारी, कवि राम सिंह , प्रियदर्शिनी राज, छाया जोशी आद्या, सुनीताशर्मा दिल्ली, प्रो डॉ दिवाकर दिनेश गौड़ ,रमेश कुमार शर्मा ,रश्मि श्रीवास्तव ‘सुकून ‘,गरिमा लखनऊ, सुखमिला अग्रवाल ‘भूमिजा ‘, दीन दयाल दीक्षित ‘दीन ‘ हरिद्वार, मास्टर श्रीनिवास शर्मा, आरती तिवारी सनत दिल्ली, मास्टर जोरा सिंह समैण, योगेश कुमार पाराशर “योगी”, गौड़ प्रेमपाल शर्मा, आशा चौधरी ,डॉ मीना कुमारी परिहार, डा० कृष्णा जोशी इंदौर, डा० विनोद गौड़, डा देवी राम शर्मा निर्मल,अरुण अग्रवाल सहित अनेकों लोग शामिल रहे।
मंच संचालन डॉ कृष्णा जोशी एवं सुरेश कुमार सुलोदिया ने शानदार और सुव्यवस्थित ढंग से किया।
अंत में सह संस्थापिका एवं अध्यक्ष डा.अर्चना श्रेया ने सभी का आभार, धन्यवाद व्यक्त किया और शहीदों को नमन किया।
संस्थापक अशोक जाखड़ जी सभी अतिथियों, पदाधिकारियों, रचनाकारों के सहयोगात्मक रवैये की तारीफ की और कहा कि आप सभी का सहयोग ही इस मंच की गरिमा को ऊंचाइयों को ओर निरंतर ले जा रहा।
अंत में शहीदों को श्रद्धांजलि/नमन करते हुए गोष्ठी का समापन किया गया

।(सुधीर श्रीवास्तव)