Saturday, May 18, 2024
बस्ती मण्डलसाहित्य जगत

नवरात्रि व रामनवमी पर अन्नपूर्णा भोजनालय पर हुआ विशाल भंडारा

गोरखपुर। सामाजिक संस्था “प्रयास एक परिवर्तन का” के संयोजक प्रवीण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि जन के सहयोग से चलाये जा रहे अन्नपूर्णा भोजनालय में श्री रवि शंकर खरे,डॉ धर्मेन्द्र सिंह, डॉ रूप कुमार बनर्जी,श्री कलीम उल हक, श्री भानु प्रकाश मिश्रा, श्री राकेश श्रीवास्तव,श्री विष्णु शंकर श्रीवास्तव, श्री अरुण प्रकाश मल्ल, डॉ राजेश गुप्ता,श्री संजय पाण्डेय, श्री विनोद शर्मा,श्री प्रहलाद खरे, डॉ अनुज श्रीवास्तव, श्री अंचित्य लाहिड़ी, श्रीमती संजू लता श्रीवास्तव, दिव्येन्दु नाथ एडवोकेट, श्रीमती सुनिशा, वादिनी यादव,जितेंद्र देव, मिथलेश यादव,प्रफुल्ल नागरकर, नवीन श्रीवास्तव,रितेश कुमार, निर्माण रॉय, विजय कुमार,श्री शैलेश त्रिपाठी, श्री संजय शाही,डॉ शोभित, डॉ सुधाकर श्रीवास्तव,श्री योगेंद्र दुबे , डॉ अनिल यादव, श्री मनोज कुमार श्रीवास्तव,श्री सुभाष दुबे, श्री विजय चौरसिया ,श्री कुंदन वर्मा,संतोष शर्मा, इ0मिन्नतुल्लाह, श्री अमर नाथ जायसवाल,श्री विनय यादव की उपस्थिति में प्रयास एक परिवर्तन का, परिवार की पहल पर रामनवमी व नवरात्र के अवसर पर श्रीमती रुचि सिन्हा, श्रीमती अरुणा, श्रीमती पूनम, श्रीमती डिम्पल,श्रीमती रम्मी,श्रीमती कमला मौर्या, डॉ रूप कुमार, श्री राकेश श्रीवास्तव, श्री प्रहलाद खरे के सहयोग से आयोजित भंडारे में हजारों लोगों ने भोजन किया।
आयोजन के बारे में जानकारी देते हुए संयोजक प्रवीण कुमार श्रीवास्तव ने कि 26 फरवरी से जन जन के सहयोग से प्रयास एक परिवर्तन का परिवार द्वारा संचालित अन्नपूर्णा भोजनालय, जिसमें रोज 10 रु में भोजन कराया जाता है। इसमें पहला भंडारा संयोजक प्रवीण कुमार श्रीवास्तव के जन्मदिन के अवसर पर 26 फरवरी को, दूसरी बार मतदान किये जागरूक मतदाताओं को 4 मार्च को ,तीसरी बार पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ जी के मुख्यमंत्री बनने की खुशी में 5 अप्रैल को व चौथी बार रामनवमी व चैत्र नवरात्रि के अवसर पर कराया गया।
आने वाले समय में लोगों द्वारा मिल रहे सहयोग से भंडारा कराया जायेगा,या कोई व्यक्ति/संस्था व्यक्तिगत रूप से भी भंडारा करा सकती है अन्नपूर्णा भोजनालय के सहयोग से भंडारा करा सकती है।
इसी क्रम में 21 व 21 अप्रैल को भी एक भंडारे का प्रयास किया जा रहा है। आप सब मात्र रु20 के सहयोग से एक व्यक्ति के लिए भोजन की व्यवस्था कर सकते हैं।

(सुधीर श्रीवास्तव)