Tuesday, July 2, 2024
व्रत/त्यौहार

रमजान शुरू होते ही मस्जिदे और बाजारों की बढ़ गई रौनक

बनकटी/बस्ती। इस्लामी महीनों में रमजानुल मुबारक का सबसे पाक और पवित्रव व बरकत का महीना माना जाता है। इस महीने में इस्लाम धर्म के मानने वाले लोग रोजा रखते हैं।और पांच वक्त नमाज के साथ ज्यादा से ज्यादा अल्लाह की इबादत करते हैं। इस महीने में विशेष रुप से सामूहिक तारावीह भी पढ़ी जाती है। जो देर रात तक नमाजियों से मस्जिदें भरी रहती हैं।

हाफिज अतहर हुसैन “शाही” ने बताया कि अल्लाह को रोजा के साथ पांच वक्त नमाज बहुत अधिक पसंद है। अगर कोई रोजेदार रोजा रखकर पांच वक्त नमाज पढ़ता है तो हर एक सांस में इबादत लिख दिया जाता है ।अल्लाह फरमाता है कि मेरे प्यारे बंदे तू जितने सच्चे दिल से मुझे याद करेगा और अपने गुनाहों की तौबा करेगा मैं तुझे बख्श दूंगा ।जिस तरह बच्चों की गलती पर मां-बाप माफ कर देते हैं। इस महीने को तीन असरों (10 दिनो के हिस्सों) में बांटा गया है। पहला अशरा खुदा की रहमत का होता है हदीस शरीफ और जिगर इस्लामी किताबों में इसकी बहुत बड़ी फजीलत होती है इसमें इस महीने में जन्नत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं और दोजक के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं।
हाफिज अब्दुल रहमान ने बताया कि अगर कोई मुसलमान बालिग और तंदुरुस्त हैं तो उस पर अल्लाह ताला ने रोजा रखना फर्ज कर दिया है। रोजा रखने से जितना सवाब है उसी तरह जानबूझकर रोजा न रखना उतना ही गुनाह है।अगर किसी कारण कोई रोजा नहीं रख पाता है, तो सार्वजनिक जगहों पर खाने-पीने से परहेज करें।और विशेषकर किसी रोजेदार के सामने किसी भी दशा में कुछ ना खाएं और पिए और ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजा इफ्तार करावे और गरीबों की मदद करें। ताकि आपकी नेकियो में इजाफा हो और नेक काम करने वालों के सवाब में 70 गुना इजाफा कर दिया जाता है और हर मोमिन रोजे व अन्य इबादत में मशरूम हो जाते हैं और जकात खूब देते हैं।
नगर पंचायत बनकटी के विभिन्न क्षेत्रों व चौराहों पर रमजानुल मुबारक महीने में रोजे को देखते हुए जमकर खरीदारी की गई। किराना की दुकान, फलों की दुकान पर भीड़ रही।शाम को रोजा खोलने के लिए खजूर ,फल व सेवई के लिए खरीदारी की गई और मस्जिदें खूब सजी दिखाई दी।