कोविड की संभावित चौथी लहर से बचाव की परखी तैयारियां
– एमसीएच विंग के साथ ही सात स्वास्थ्य इकाइयों पर हुई मॉक ड्रिल
संतकबीरनगर। कोविड की चौथी लहर को ध्यान में रखते हुए एहतियात के तौर पर जिले में मॉक ड्रिल किया गया तथा इस बात पर ध्यान दिया गया कि तैयारियां पर्याप्त हैं या नहीं। जिले में छ: सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के साथ ही साथ जिला अस्पताल के एमसीएच विंग में स्थित लेवल टू (एलटू) फैसिलिटी में भी तैयारियों को देखा गया। जिला स्तर पर बनाए गए पर्यवेक्षण अधिकारी इन तैयारियों की निगरानी करते रहे तथा चेकलिस्ट के हिसाब से मरीज के आने से लेकर उनके व्यवस्थापन व इलाज तथा रेफरल का क्रम देखते रहे।
कोविड की संभावित चौथी लहर को ध्यान में रखते हुए पूरे जनपद में सात स्वास्थ्य इकाइयों में पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट , नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट और स्वास्थ्य केंद्रों की तैयारियों को परखा गया। इस दौरान यह देखा गया कि चौथी लहर के लिए हेल्थ सिस्टम कितना तैयार है, साथ ही अस्पतालों में कोरोना से इलाज के कितने इन्तजाम हैं। अधिकारीगण हर चरण का चेकलिस्ट के हिसाब से मिलान करते रहे।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खलीलाबाद में अधीक्षक डॉ राधेश्याम यादव के नेतृत्व में कोविड की तैयारियों की मॉक ड्रिल की गयी। पीपीई किट से लैस चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों की टीम ने पूरी प्रक्रिया का पूर्वाभ्यास किया। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सांथा में अधीक्षक डॉ एचयू अंसारी व पर्यवेक्षक जिला मलेरिया अधिकारी राम सिंह के निर्देशन में मॉक ड्रिल की गयी। इस दौरान उन्होने चेकलिस्ट के हिसाब से दवाओं व उपकरणों के बारे में भी जानकारी प्राप्त किया। चिकित्सा अधिकारी प्रमोद कुमार, हरिशंकर पाण्डेय, डॉ किरण त्रिपाठी व अन्य चिकित्सकगण मौके पर मौजूद रहे। इस प्रकार अन्य चिकित्सा इकाइयों पर भी प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ मोहन झा, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एस रहमान, जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ आर डी मौर्या तथा एपीडेमियोलाजिस्ट ( जिला महामारी रोग विशेषज्ञ ) डॉ मुबारक अली व अन्य लोग भी सहयोगात्मक पर्यवेक्षण में लगे रहे।
सफल रही मॉक ड्रिल – सीएमओ
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ इन्द्र विजय विश्वकर्मा ने बताया कि जनपद में कोविड की चौथी लहर को ध्यान में रखते हुए मॉक ड्रिल किया गया। कोविड के प्रति अभी सामुदायिक स्तर पर भी सतर्कता बरतनी होगी । इस दौरान सुरक्षा की सारी तैयारियों को देखा गया। इसके साथ ही यह भी देखा गया कि जो भी उपकरण हैं वह चालू स्थिति में हैं या नहीं। इस दौरान जो भी कमियां पाई गयीं उन्हें मौके पर ही दूर किया गया। जीवन रक्षक दवाओं की उपलब्धता भी जांची गयी, ताकि अगर आगे कोविड का आपातकाल हो तो तुरन्त ही चिकित्सा व्यवस्था की जा सके। यह मॉक ड्रिल पूरी तरह से सफल रही।