स्वास्थ्य अधिकारियों की पहल से बची हृदय रोगी की जान, मिला सम्मान
संतकबीरनगर। जिला अस्पताल के सीएमएस व चिकित्सकों के द्वारा दी गयी त्वरित चिकित्सा के जरिए एक हृदय रोगी की जान बच गयी । इसके बाद हृदय रोगी के परिजन व हाईकोर्ट के अधिवक्ता प्रदीप कुमार प्रजापति ने जिला मुख्यालय पर पहुंचकर सीएमओ, सीएमएस तथा इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक को सम्मानित किया तथा उनके कार्यों की सराहना की।
जिला मुख्यालय के मिश्रौलिया में रहने वाले 40 वर्षीय सुरेन्द्र प्रजापति हृदय रोग से पीडि़त हैं। उनका इलाज किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के हृदय विभाग में चल रहा है। गत शुक्रवार को उनको हृदयाघात हुआ तो उनके रिश्तेदार ने उनके भतीजे व हाईकोर्ट लखनऊ में अधिवक्ता प्रदीप कुमार प्रजापति को इस बात की सूचना दी। सूचना पाने के बाद उन्होने लखनऊ से जिला चिकित्सालय के सीएमएस डॉ ओ पी चतुर्वेदी को फोन किया। डॉ चतुर्वेदी ने तुरन्त ही उन्हें जिला अस्पताल पहुंचाने के लिए कहा और खुद सीएमएस डॉ ओपी चतुर्वेदी तुरन्त जिला अस्पताल पहुंचे तथा अपने इमरजेंसी चिकित्सक डॉ उमेश चन्द्र को लेकर सुरेन्द्र का इन्तजार करने लगे। अधिवक्ता के द्वारा बताए गए लक्षणों को ध्यान में रखते हुए उन्होने तुरन्त इमरजेंसी में दवाएं मंगवा लीं। तकरीबन बीस मिनट के बाद जब उनके परिजन सुरेन्द्र प्रजापति को लेकर मौके पर पहुंचे तो डॉ ओपी चतुर्वेदी अपने चिकित्सकों की टीम के साथ उनके इलाज में जुट गए। तकरीबन 45 मिनट के प्रयासों में सुरेन्द्र खतरे से बाहर हो गए। इसके बाद उन्हें एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस के जरिए लखनऊ भेजा गया। वहां पर जांच के बाद चिकित्सकों ने बताया कि अगर उन्हें समय पर उपयुक्त जीवन रक्षक दवाएं नहीं दी गयी होतीं तो उनका बचना मुश्किल था। इलाज के बाद दवाएं लेकर अधिवक्ता प्रदीप कुमार प्रजापति भी उनके साथ ही खलीलबाद वापस आए। इसके बाद उन्होने सीएमओ कार्यालय में जाकर सीएमएस डॉ चतुर्वेदी, चिकित्सक डॉ उमेश चन्द्र को बुलवाया तथा तीनों लोगों को इस बेहतर कार्य के लिए सम्मानित किया। प्रदीप प्रजापति का कहना था कि किंग जार्ज मेडिकल कालेज के चिकित्सकों का कहना था कि अगर मरीज को जीवन रक्षक दवा नहीं मिली होती तो वह बच नहीं पाते। आज वह सामान्य जीवन व्यतीत कर रहे हैं। केवल एक टेलीफोन पर चिकित्सा विभाग ने इतना बड़ा काम किया इसके लिए वह उनके आजीवन आभारी रहेंगे। सीएमओ डॉ इन्द्रविजय विश्वकर्मा ने जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ चतुर्वेदी व इमरजेंसी चिकित्सक डॉ उमेश के कार्यों की सराहना की। उन्होंने बताया कि ह्रदयघात की स्थित में त्वरित चिकित्सा मिलना अनिवार्य है ।
हर मरीज को विशिष्ट समझकर ही की जाती है सेवा – डॉ चतुर्वेदी
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ चतुर्वेदी ने कहा कि जिला अस्पताल में पहुंचने वाला हर मरीज विशिष्ट होता है। उसे विशिष्ट मानकर ही उसकी सेवा की जाती है। फोन पर दी गयी जानकारी के अनुसार हमने पहले ही सारा इन्तजाम कर लिया था। पूर्व के अनुभव काम आए और जीवन रक्षक दवाओं के जरिए हमने इस गंभीर मामले को कंट्रोल कर लिया। मरीजों की सेवा करना ही हम सभी का मूल उद्देश्य है।