Saturday, May 18, 2024
हेल्थ

पॉजिटिव होने के बाद भी जारी रही उमेश कुमार की सेवा

बस्ती।आईडीएसपी सेल में तैनात जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट उमेश कुमार ने कोरोना की तीसरी लहर में संक्रमित होने के बाद भी विभाग को अपनी सेवाएं जारी रखी। आईसोलेशन में रहकर जहां एक ओर वह अपना इलाज कर रहे थे, वहीं नियमित रूप से पॉजिटिव मरीजों की सूची तैयार कर उसे संबंधित को प्रेषित करना, विदेश से आने वालों की सूची तैयार करने की अपनी जिम्मेदारी को निभाते रहे। यही कारण रहा कि उनके पॉजिटिव होने के बाद भी आईडीएसपी सेल का कोई काम प्रभावित नहीं होने पाया। निगेटिव होने के बाद वह इंटीग्रेटेड कोविड कमांड कंट्रोल रूम में अब नियमित रूप से अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। इस बात की सराहना स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की ओर से भी की जा रही है।

स्वास्थ्य विभाग में आईडीएसपी सेल की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो जाती है। कोविड काल में इस विभाग ने अपनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाते हुए कोविड को कंट्रोल करने का कार्य किया है। सेल के माध्यम से जिले में व जिले के बाहर हुई जांच में कोविड पॉजिटिव मिले लोगों की सूची तैयार की जाती है। यह सूची को संबंधित ब्लॉक को प्रेषित की जाती है। इसी सूची के आधार पर ब्लॉक में कार्यरत रैपिड रिस्पांस टीम आगे का कार्य करती है। मरीज को फैसिलिटी एलॉट करने से लेकर उसे डिस्चार्ज करने तक का कार्य इसी सेल के माध्यम से किया जाता है। इस सेल में एपिडेमियोलॉजिस्ट की अहम भूमिका होती है।

उमेश कुमार का कहना है कि 11 जनवरी को जांच में पॉजिटिव होने के बाद होम आईसोलेशन में चले गए। उनका लैपटॉप उनके पास रहता था। इसके जरिए उन्होंने रूटीन का कार्य जारी रखा। फोन पर लोगों से संपर्क में रहते थे तथा सहयोग जारी रखा। काम के दौरान वह भूल जाते थे कि उन्हें किसी तरह की समस्या है। इलाज व काम दोनों जारी रखा। कोविड की दूसरी लहर में भी काम के दौरान वह कोविड पॉजिटिव हो गए थे।
उनका कहना है कि कोविड टीकाकरण और उसके बाद भी कोविड नियमों का पालन ही इससे बचाव का एक मात्र उपाय है । मास्क, दो गज की दूरी और हाथों की स्वच्छता के नियम का कड़ाई से पालन करना होगा।

कोविड की तीसरी लहर में स्वास्थ्य विभाग व मेडिकल कॉलेज के 90 से ज्यादा स्टॉफ कोविड पॉजिटिव हो चुके हैं। इसमें 25 डॉक्टर शामिल हैं। पॉजिटिव होने वाले अधिकांश कर्मी अपनी आईसोलेशन की अवधि पूरी कर अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं।