Saturday, May 4, 2024
हेल्थ

कोविड में अनाथ हुई बालिकाओं के हाथ पीले कराएगी प्रदेश सरकार

– प्रमुख सचिव ने आवेदन पत्रों के निस्तारण में हीलाहवाली न करने की दी है हिदायत

बस्ती। उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत कोविड-19 से प्रभावित, अनाथ हुई बालिकाओं की शादी में आर्थिक मदद प्रदान किये जाने की भी सरकार की योजना है। प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग वी हेकाली झिमोमी ने सभी जिलों को पत्र भेजकर इस बारे में आवेदन आमंत्रित करने के साथ ही उसके त्वरित निस्तारण के लिए निर्देशित किया है। कहा है कि कोविड-19 से प्रभावित अनाथ बालिकाओं के विवाह हेतु आर्थिक सहायता, अनुदान प्रदान करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों की जांच 15 दिन के भीतर पूर्ण कर ली जाए। कोरोना प्रभावित बच्चों के भरण-पोषण, शिक्षा, चिकित्सा आदि की व्यवस्था के लिए ‘मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ प्रारम्भ की गई है। इस श्रेणी की सभी बालिकाओं की शादी के लिए एक लाख एक हजार रुपए की राशि उपलब्ध कराई जाएगी।

क्या है पात्रता की श्रेणी
‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ के अंतर्गत लाभ प्राप्त कर रहीं  बालिकाओं को ही उनके विवाह के लिए  आर्थिक सहायता, अनुदान की धनराशि अनुमन्य की जायेगी। विवाह के लिए निर्धारित की गयी तिथि को वर की आयु 21 वर्ष तथा वधू की आयु 18 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिये। विवाह की तिथि के 90 दिन पूर्व से विवाह होने की तिथि के 90 दिन के अन्दर आवेदन किया जाना अनिवार्य होगा।

इस तरह से करें आवेदन
बालिकाएं स्वयं अथवा उनके माता, पिता अथवा संरक्षक, योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए ऑफ़लाइन आवेदन कर सकेंगे। आवेदनपत्र के साथ आवश्यक अभिलेखों की स्वप्रमाणित प्रति संलग्न करना अनिवार्य होगा। आवेदन पत्र को ग्रामीण क्षेत्रों में संबंधित ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी के पास या विकास खंड या सीधे जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय में तथा शहरी क्षेत्रों में संबंधित क्षेत्र के लेखपाल के पास या तहसील या सीधे जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय में जमा कराया जा सकता है।

आवेदन के लिए आवश्यक अभिलेख
बालिका तथा उसके वर्तमान अभिभावक की नवीनतम फोटो सहित पूर्ण आवेदन पत्र। माता पिता, वैध संरक्षक जैसी भी स्थिति हो का मृत्यु प्रमाणपत्र तथा कोविड-19 से मृत्यु संबंधी साक्ष्य। वर व वधू का आयु, विवाह की तिथि नियत होने या विवाह सम्पन्न होने सम्बन्धी अभिलेख तथा विवाह का कार्ड व उत्तर प्रदेश के निवासी होने का प्रमाण-पत्र, आय प्रमाणपत्र का होना जरूरी है। परिवार की आय सालाना तीन लाख रूपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।