Saturday, May 18, 2024
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भारतीय नौसेना के नए प्रमुख बने वाइस एडमिरल हरि कुमार, 39 साल से कर रहे हैं देश की सेवा

नई दिल्ली, नवंबर 30 । भारतीय नौसेना की कमान वाइस एडमिरल हरि कुमार ने संभाल ली है। मंगलवार को उन्होंने इंडियन नेवी चीफ का पदभार ग्रहण किया। आपको बता दें कि हरि कुमार ने एडमिरल करमबीर सिंह की जगह पदभार संभाला है, जो रिटायर्ड हो गए हैं।

नौसेना प्रमुख एडमिरल हरि कुमार को साउथ ब्लॉक के लॉन में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद हरि कुमार ने पैर छूकर अपनी मां का आशीर्वाद भी लिया। इस पल के वीडियो ने लोगों के दिल को छू लिया है।

पद संभालने के बाद क्या बोले हरि कुमार?
इस नई जिम्मेदारी को लेने के बाद एडमिरल हरि कुमार ने कहा कि भारतीय नौसेना के प्रमुख के तौर पर ये पद संभालना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है, मैं अपने कार्यकाल में समुद्री सीमाओं पर आने वाली चुनौतियों को दूर करूंगा, हमारा ध्यान हमारे राष्ट्रीय समुद्री हितों और चुनौतियों पर है।

जानिए देश के नए नौसेना प्रमुख एडमिरल हरि कुमार के बारे में?
– आपको बता दें कि नौसेना प्रमुख की जिम्मेदारी मिलने से पहले हरि कुमार वेस्टर्न नेवल में फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (एफओसी-इन-सी) थे। वह आईएनएस विक्रमादित्य की विदेशी समिति के प्रमुख थे और गोवा में नौसेना युद्ध कॉलेज के कमांडेंट के रूप में नियुक्त होने वाले पहले फ्लैग ऑफिसर थे। हरि कुमार ने मुंबई में अधिकारियों और नाविकों के लिए आवास के बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

– 12 अप्रैल 1962 को जन्मे वाइस एडमिरल आर हरि कुमार ने दिसंबर 1981 में नेशनल डिफेंस एकेडमी से ग्रैजुएशन की डिग्री हासिल की थी। हरि कुमार 1 जनवरी 1983 को नौसेना से जुड़े थे। लगभग 39 साल के अपने करियर में उन्होंने विभिन्न कमांड, स्टाफ और निर्देशात्मक नियुक्तियों में काम किया है।

– वाइस एडमिरल हरि कुमार की समुद्री कमान में तटरक्षक पोत सी-01, आईएनएस निशंक, मिसाइल कार्वेट, आईएनएस कोरा और गाइडेड मिसाइल विध्वंसक आईएनएस रणवीर शामिल हैं। उन्होंने विमानवाहक पोत आईएनएस विराट की कमान भी संभाली है। इसके अलावा उन्होंने पश्चिमी बेड़े के बेड़े संचालन अधिकारी के रूप में भी कार्य किया।

– वाइस एडमिरल आर हरि कुमार ने यूएस में नेवल वॉर कॉलेज, मध्य प्रदेश में आर्मी वॉर कॉलेज और यूके में रॉयल कॉलेज ऑफ डिफेंस स्टडीज से कोर्स किया है। वाइस एडमिरल आर. हरि कुमार को परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल और विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया गया है।