Sunday, July 7, 2024
देश

एस.आर.एम. यूनिवर्सिटी राई का नाम बदनाम कर रहे महिला पत्रकार प्रताड़ना मामले के अपराधी आशिष व मुकेश पांचाल

-यूनिवर्सिटी के लाखो रुपये की देनदारी बकाया है अपराधियो पर

सोनीपत/चंडीगढ़।महिला पत्रकार प्रताड़ना मामले का अपराधी अपने आप को एस. आर.एम. यूनिवर्सिटी राई का छात्र बताता है। इस अपराधी आशिष पांचाल ने कई बार कानूनी दस्तावेजो में अपने आप को यूनिवर्सिटी का छात्र बताया है। जब की यूनिवर्सिटी का इस बारे में कहना है कि यह अपराधी अगस्त 2019 में ही यूनिवर्सिटी छोड़ चुका है। यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ने अपनी ऑफिसियल मेल के द्वारा यह सूचना दी कि यह अपराधी हमारी यूनिवर्सिटी का विद्यार्थी नही है यह अगस्त 2019 में यूनिवर्सिटी छोड़ चुका है,इतना ही नही अगर यह अपराधी आसिष कहीं पर भी यूनिवर्सिटी का नाम बदनाम करता पाया जाए तो आप इस के खिलाफ कानूनी कार्यवाही कर सकते हो। विस्वसनीय सूत्रों से यह भी पता चला है कि इन अपराधियो पर यूनिवर्सिटी के लाखों रुपये की देनदारी बकाया है साथ ही इस अपराधी के शेक्षणिक दस्तावेज भी यूनिवर्सिटी के पास जमा है जो बकाया चुकता करने पर ही इन अपराधियो को मिलेंगे,ये दोनों बाप बेटे आसिष व मुकेश इस तरह रुपये की धोकाधड़ी महिला पत्रकार के साथ ही नही यूनिवर्सिटी के साथ भी कर चुके है। गौरतलब है कि इन अपराधियो ने कई बार अपने आप को कानूनी दस्तावेजो में एस.आर.एम. यूनिवर्सिटी राई का छात्र बताया है। इन अपराधियों ने 16 जनवरी 2020 को सेशन कोर्ट सोनीपत में अग्रिम जमानत याचिका में अपने आप को एस.आर.एम. यूनिवर्सिटी राई का छात्र बताया जो जमानत सेशन कोर्ट ने 20 जनवरी 2020 को ख़रीज कर दी थी। इस के बाद अपराधियो ने अपनी जमानत याचिका सी.आर.एम. -एम.-3559/2020 में पंजाब व हरियाणा हाइकोर्ट में अपने आप को एस.आर.एम. यूनिवर्सिटी राई का छात्र बताया जो ज़मानत 12 अगस्त 2021 को हाइकोर्ट ने खारिज कर दी। इतना ही नही यह अपराधी माननीय सुप्रीम कोर्ट तक यूनिवर्सिटी का नाम बदनाम कर चुके है। अपराधियों के खिलाफ 17 जुलाई 2020 को थाना सिविल लाइन सोनीपत में दर्ज हुए आई. पी. सी. की धारा 182 के कलन्दरा में भी अपराधियो ने अपने आप को एस.आर.एम. यूनिवर्सिटी राई का छात्र बताया है। वहीं दूसरी तरफ यूनिवर्सिटी का कहना है कि यह आसिष हमारा छात्र नही है यह अगस्त 2019 में ही यूनिवर्सिटी छोड़ चुका है। अगर यह यूनिवर्सिटी का नाम बदनाम करता पाया जाए तो आप इस के खिलाफ कानूनी कार्यवाही कर सकते हो। *यहाँ साफ तौर पर कहा जा सकता है कि ये अपराधी कितने बड़े धोखेबाज व अपराधी परवर्ती के लोग है, जब अगस्त 2019 में ही यह अपराधी यूनिवर्सिटी छोड़ चुके है उस के बाद भी वर्ष 2020 व 2021 में भी ये अपराधी महिला पत्रकार प्रताड़ना मामले में अदालत से सहानुभूति पाने के लिये यूनिवर्सिटी का नाम कानूनी दस्तावेजो में शामिल कर के बदनाम करने में लगे है।* फिलाल यह अपराधी आसिष पांचाल महिला पत्रकार प्रताड़ना मामले प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज के आदेश पर गठित एस. आई.टी. की जांच के बाद 2 जनवरी 2020 को दर्ज हुए मुकदमा संख्या -01,दर्ज सिटी थाना शहर सोनीपत व माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद हुई गिरफ्तारी के बाद से आई.पी. सी. की धारा 406,420,467,468,471,201,212,506 व 34 के तहत जेल में बंद है। जेल में बंद अपराधी आशिष की जिला अदालत से स्थायी (रेगुलर) जमानत भी ख़रीज हो चुकी है, साथ ही इस के साथी अपराधी भाई व पिता सचिन व मुकेश पांचाल अग्रिम जमानत पर है। साथ ही इन अपराधियो के खिलाफ सायबर अपराध मामले की जांच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल के आदेशों के बाद अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक संदीप खिरवार कर रहे है। पुलिस को इस मामले की भी अच्छी तरह छानबीन करनी चहिये ओर साथ ही एस.आर. एम. यूनिवर्सिटी को भी इन अपराधियों के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्यवाही करनी चहिये ताकि भविष्य में भी इस तरह कोई अपराधी किसी शेक्षणिक संस्था का नाम बदनाम न कर सके ओर सारी सच्चाई माननीय अदालत के समक्ष आ सके।