Sunday, May 19, 2024
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सामुहिक योगाभ्यास करने से आपस की उर्जा का आदान प्रदान होता है-विन्देश्वरी मणि त्रिपाठी

बस्ती। योग से हमारे आत्मसंस्थान जागृत होते हैं जो आत्मा को परमात्मा तक ले जाने में सहायक होते हैं। हमारे शरीर में स्वचिकित्सा, स्वक्षतिपूर्ति एवं स्वानुभूत संस्थान जन्म से ही विद्यमान है हमारे अनुकूल आचार, विचार, गुण, कर्म व स्वभाव के साथ प्राणायाम करने से ये जीवन को उत्तम संस्कार में ढाल देते हैं। आहार विहार ठीक न रहने पर ये कमजोर पर पड़ जाते हैं जिससे शरीर रोगों का घर बन जाता है। ये संस्थान त्रिदेव की भाॅति शरीर और आत्मा का पोषण करते हैं उक्त बातें योग शिक्षक प्रशिक्षक गरुणध्वज पाण्डेय ने लौह पुरुष सरदार पटेल की जयंती के अवसर पर आर्य समाज व भारत स्वाभिमान समिति बस्ती द्वारा हरैया थाने में आयोजित निःशुल्क योग शिविर के दौरान कही। इस अवसर पर योग शिक्षक आदित्यनारायन गिरि ने पुलिसकर्मियों को स्वस्थ व निरोगी जीवन के लिए विभिन्न व्यायाम, आसनों व मुद्राओं का प्रशिक्षण देते हुए बताया कि हठयोग व महर्षि पतंजलि द्वारा बताए गए आसन केवल शरीर को ही स्वस्थ नहीं करते बल्कि हमारे मन व सूक्ष्म शरीर पर अनुकूल प्रभाव डालते हुए मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करते हैं। योग शिक्षक ने पुलिसकर्मियों को क्रियात्मक योगाभ्यास के अन्तर्गत ताड़ासन, गोमुखासन एवं कटिचक्रासन कराते हुए कहा कि कटिचक्रासन करने से कमर के आसपास एवं जाॅघ में जमी अतिरिक्त चर्बी तो गल ही जाती है साथ ही कन्धे का दर्द दूर होता है और आंखों के विकार दूर होते हैं। इस इस अवसर पर थानाध्यक्ष बिंदेश्वरी मणि त्रिपाठी को योग शिक्षकों द्वारा सत्यार्थ प्रकाश व अछूता इतिहास नामक पुस्तक भेंट कर स्वाध्याय की प्रेरणा दी। आभार व्यक्त करते हुए थानाध्यक्ष ने कहा कि सामुहिक योगाभ्यास करने से आपस की उर्जा का आदान प्रदान होता है जिससे मन में उत्साह व शरीर में क्रियाशीलता आती है। हमें इसे अपने जीवन में ढालना चाहिए।
गरुणध्वज पाण्डेय।