पैगम्बर के जीवन का हर क्षण हमारे लिए मार्गदर्शक है
– हुसैनी मस्जिद में जश्ने ईद-ए-मीलादुन्नबी आयोजित
बस्ती। पैगम्बरे इस्लाम हजरत मोहम्म (सल.) के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में शनिवार रात हुसैनी जामा मस्जिद, गांाधी नगर में जलसए ईद-ए-मीलादुन्नबी का आयोजन हुआ। अकीदतमंदों ने नातिया कलाम पेश किया। एक दूसरे को लोगों ने बधाई दी।
मुख्य वक्ता मौलाना हैदर मेंहदी ने कहा कि पैगम्बर को समझने के लिए उनकी आल की मार्फत होना लाजिमी है। हमने पैगम्बर को मौला अली व उनकी औलादों से जाना। मौला अली ने जबसे इस दुनिया में आंख खोली और पैगम्बर की वफात तक उनके साथ साए की तरह रहे। आज सबसे ज्यादा जरूरत लोगों को पैगम्बर के जीवन के बारे में बताने की है।
ऐसे समय में जब महिलाओं, गुलामों, काले लोगों की जिंदगी नारकीय थी, उस समय पैगम्बर ने अपनी बेटी का बेमिसाल सम्मान करके, अफ्रीका के काले गुलाम हजरत बेलाल को मोअज्जिन जैसा अहम पद देकर व गुलामों के साथ बराबरी का व्यवहार करके दुनिया को संदेश दिया। नर्सिंग, सामाजिक न्याय, समानता, मानवाधिकार के ऊसूल दुनिया में सबसे पहले पैगम्बर ने लागू किए।
मोहम्मद रफीक, रमीज अब्बास, कामिल जैदपुरी, सफदर रजा, आरजू हल्लौरी सहित अन्य लोगों ने नातिया कलाम पेश किया। कार्यक्रम के अंत में लंगर का प्रबंध किया गया था।
जीशान रिजवी, इं. परवेज फसी, अन्नू, नकी हैदर, अरशद आबिद, साबिर रिजवी, शम्स आबिद, हसनैन रिजवी, आले मुस्तफा, जावेद, मोहम्मद, मानू, शावर सहित अन्य लोग कार्यक्रम में शामिल रहे।
—