Sunday, May 5, 2024
देश

प्रदेश में ला एंड ऑर्डर की बजी बैंड, लेकिन अपराधियों की गिरफ्तारी नही हुई

– माननीय हाइकोर्ट के आदेशों की अवमानना कर रही पुलिस,

– प्रदेश के मुखिया के आदेशों की उड़ रही धज्जियां,
चंडीगढ़ (ब्यूरो) प्रदेश की एक वरिष्ठ महिला पत्रकार के प्रताड़ना का मामला लगभग पिछले 2 साल से भी ज्यादा समय से चर्चा का विषय बना हुआ है, महिला पत्रकार की प्रताड़ना को पुलिस के काले कारनामे का कच्चा चिट्ठा कहें या फिर अपराधियो व पुलिस का गठजोड़ इस सारे घटनाक्रम को देखने पर लगता है महिला पत्रकार को प्रताड़ित करने के लिये पुलिस पर बड़ा भारी राजनीतिक या आर्थिक दबाव बना हुआ है इस बात की गवाही स्पष्ट तौर पर ये सारा घटनाक्रम दे रहा है। गौरतलब है कि महिला पत्रकार के साथ लाखो की धोखाधड़ी व जान से मारने की धमकी में संज्ञान लेते हुए प्रदेश के गृहमंत्री के आदेश पर गठित SIT की जांच के बाद दोषियों के खिलाफ़ ipc की धारा 406,420,467,468,471 के तहत 2/1/2020 को सिटी थाना शहर सोनीपत में मुक़दमा दर्ज हुआ। लेकिन दोषियों की गिरफ़्तारी नही हुई। महिला पत्रकार ने दोषियों की गिरफ्तारी को ले कर 5 जनवरी 2020 से 15 जनवरी 2020 के मध्य 4 बार लिखित प्रार्थना पत्र पुलिस अधीक्षक को दिया लेकिन दोषियों की गिरफ्तारी नही हुई। इतना ही नही पुलिस की मिलीभगत के चलते दोषियों ने 16 जनवरी 2020 को अग्रिम जमानत याचिका अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायालय सोनीपत में लगा दी, जो माननीय न्यायालय ने 20 जनवरी 2020 को ख़ारिज कर दी लेकिन दोषियों गिरफ़्तारी नही हुई। 20 जनवरी से 27 जनवरी के मध्य लगभग रोज़ाना पुलिस अधीक्षक से निजी तौर पर मिल जान माल का हवाला देते हुए दोषियों की गिरफ़्तारी की गुहार लगातार लगती रही महिला पत्रकार लेकिन दोषियों की गिरफ़्तारी नही हुई। 27 जनवरी 2020 को दोषियों ने अग्रिम जमानत याचिका माननीय हाइकोर्ट चंडीगढ़ में लगा दी। लेकिन दोषियों की गिरफ़्तारी नही हुई। दोशियान शहर में खुल्ला घूमते रहे महिला पत्रकार व उन के पति को जान से मारने व झूठे मुक़दमे में फंसाने की धमकियां देते रहे लेकिन दोषियों की गिरफ्तारी नही हुई। 22 फरवरी 2020 को दोषियों ने महिला पत्रकार व उन के पति पर मारपीट के झूठे मुक़दमे दर्ज करवा दिए। जो जांच के बाद झूठे साबित हुए और 14 जुलाई 2020 को दोषियों के खिलाफ़ ipc की धारा 182 के तहत एक ओर मुक़दमा दर्ज हो गया लेकिन दोषियों गिरफ़्तारी नही हुई। 6 फरवरी व 12 फरवरी 2020 को दोषियों ने महिला पत्रकार पर सायबर अटैक किया, जिस में दोषियों के खिलाफ़ कार्यवाही के लिए महिला पत्रकार ने पुख्ता सुबूतों के साथ 27 मई 2020 को लिखित प्रार्थना पुलिस अधीक्षक को दिया एक महीना बाद कार्यवाही न होने पर एक रिमाइंडर पत्र 26 अगस्त 2020 को पुलीस अधीक्षक को दिया। लेकिन आज लगभग एक साल बाद भी सायबर अपराधियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नही हुई,महिला पत्रकार पर हुए इस सायबर अटैक को ले कर 21 अगस्त 2021 को प्रदेश के मुख्यमंत्री ने संज्ञान लिया व पुलिस को कारवाही के निर्देश दिये लेकिन पुलिस ने प्रदेश के मुखिया को ही ठेंगा दिखाते हुए सायबर अटैक मामले में अब तक कोई कार्यवाही नही की। 12 अगस्त 2021 को माननीय हाइकोर्ट ने दोषी की जमानत याचिका ख़ारिज कर दी लेकिन आज हाइकोर्ट चंडीगढ़ के आदेशों को लगभग महीना बीत जाने के बाद भी दोषियों की गिरफ़्तारी नही हुई। इस बात से दुःखी हो कर महिला पत्रकार ने माननीय हाइकोर्ट के आदेशों की अनुपालना व दोषियों की गिरफ्तारी को ले कर लिखित प्रार्थना पत्र पुलीस अधीक्षक सोनीपत को 31 अगस्त 2021 को दिया लेकिन अब तक दोषियों की गिरफ़्तारी नही हुई। इस सारे घटनाक्रम को देखते हुए लगता है प्रदेश में ला एंड आर्डर की बैंड बाजी हुई है । क्यों कि महिला पत्रकार प्रताड़ना मामले में दोषियों के खिलाफ़ विभिन्न अपराधों में कई मुकदमे दर्ज होने पर जिस में जिला व सत्र न्यायालय व हाइकोर्ट चंडीगढ़ से दोषियों की अग्रिम जमानत याचिका ख़ारिज हो चुकी हो व प्रदेश के मुख्यमंत्री व गृहमंत्री जिस मामले में संज्ञान ले चुके हो, इतना कुछ हो जाने के बावजूद दोषियों की गिरफ्तारी नही होती है तो यह साफ तौर पर लगता है पुलिस पर बड़ा भारी राजनीतिक या आर्थिक दबाव बना हुआ है और प्रदेश में ला एंड आर्डर की बैंड बाजी हुई है।