Saturday, June 29, 2024
साहित्य जगत

(जन्माष्टमी पर विशेष)

मुरली की तान सुनाते कन्हैया
अधरो पे मुस्कान लाते कन्हैया
सिर पे मौर मोर पंख सजा के
देखो सबको रिझाते कन्हैया

मईया यशोदा दुलारे कन्हैया
नन्द जी के द्वारे कन्हैया
गोपियों संग रास रचाते
राधा रानी के प्यारे कन्हैया

कभी चुराते माखन दहिया
कभी बँध जाते ओखल कन्हैया
आँखों से ओझल आँख मिचौली
मुख ब्रहमांड दिखाते कन्हैया

सरिता त्रिपाठी
लखनऊ, उत्तर प्रदेश
३०-०८-२०२१, १२:०४pm