Tuesday, July 2, 2024
बस्ती मण्डल

शिकायत के बाद भी ग्राहक सेवा केन्द्र के संचालक के खिलाफ कार्यवाही से क्यो कतरा रही है बस्ती पुलिस ?

कुदरहा/बस्ती।लालगंज थाना क्षेत्र के मेंहनौना निवासी अनूप सिंह ने पुलिस अधीक्षक, थाना प्रभारी लालगंज व मुख्यमंत्री पोर्टल पर लिखित शिकायत किया है कि पांच वर्ष से लालगंज कस्बे में स्थापित स्टेट बैंक के ग्राहक सेवा केंद्र का संचालक फरार है ।केंद्र बंद है और संचालक उपभोक्ताओं के खाते से पेंशन, सम्मान निधि मनरेगा आदि के पैसे को आनलाईन निकाल रहा है ।कई बार शिकायतों के बावजूद उपभोक्ताओं के साथ फ्राड करने वाले सीएसपी संचालक के खिलाफ कार्यवाही नहीं हो सकी ।

थान क्षेत्र के लालगंज कस्बे में वर्ष 2014-15 स्टेट बैंक पारकरडाड से संबद्ध ग्राहक सेवा केंद्र स्थापित किया गया था ।जिसमें प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत करीब पांच हजार खाते खुले थे ।वर्ष 2016 में नोट बंदी के दौराना केंद्र संचालक सदानन्द खाते में जमा करने के लिए दिए उपभोक्ताओं के लाखो रुपये लेकर फरार हो गया ।तब से उपभोक्ता जमा रसीद लेकर घूम रहे हैं ।पांच वर्ष से केंद्र पर ताला लटक रहा है ।उपभोक्ताओं ने कई बार लालगंज पुलिस व स्टेट बैंक पारकरडाड के शाखा प्रबंधक से किया ।लेकिन उनके द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी ।इतना ही नहीं केंद्र संचालक आज भी उपभोक्ताओं के खाते में आने वाले वृद्धा, विधवा पेंशन, किसान सम्माननिधि मनरेगा आदि के पैसे पे प्वाइंट व आक्सीजन सर्विस के माध्यम से निकाल रहा है ।बैंक मैनेजर मानसिंह का कहना है कि सीएसपी लालगंज में खुले खातों पर रोक लगा दी गयी हैं।आफिस रिकार्ड के अनुसार के संचालक सदानंद पुत्र रामनाथ ग्राम काली जगदीशपुर थाना महुली जनपद संतकबीर नगर का है ।संचालक द्वारा किए जा रहे फ्राड की शिकायत मेहनौना गांव के अनूप सिंह व अन्य ने पुलिस अधिक्षक बस्ती आशीष श्रीवास्तव , लालगंज थाना प्रभारी रोहित कुमार उपाध्याय व मुख्यमंत्री पोर्टल पर किया है ।

एसओ लालगंज रोहित कुमार उपाध्याय ने बताया कि मामला साइवर सेल से जुडा़ है उन्हें अवगत कराया गया है ।वहीं साईवर प्रभारी मजहर खान ने बताया कि बैंक से निकासी की डिटेल मांगी गयी है ।छानबीन की जा रही है ।

*इन लोगो ने भी कई शिकायत…*

मेहनौना गांव के राधिका पाल के खाते से करीब 18 हजार आनलाईन निकला है व मोनिका सिंह के खाते से 12 हजार की निकासी की गयी है ।बारीघाट के रामचंद्र का एक लाख अठ्ठारह हजार पांच सौ तथा रवींद्र कुमार मार्या का तिरालिस हजार आठ सौ खाते में जमा ही नहीं हुआ और रसीद उनके पास है आदि खाता धारको से लाखों का फ्राड किया गया है ।