Wednesday, June 26, 2024
बस्ती मण्डल

कोविड-१९ नियमों का पालन करते हुए आजादी की ७५ वीं वर्षगांठ को “आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में धूम-धाम से मनाया गया

रूधौली/बस्ती।राजकीय महाविद्यालय रुधौली में कोविड-१९ नियमों का पालन करते हुए आजादी की ७५ वीं वर्षगांठ को “आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में धूम-धाम से मनाया गया।महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ०राजेश कुमार शर्मा जी ने ध्वजारोहण किया इस दौरान समस्त छात्र/छात्राएँ,अध्यापकगण,कर्मचारियों ने देश की आन-बान शान की रक्षा का संकल्प लिया।तत्पश्चात प्राचार्य द्वारा माँ सरस्वती जी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन व माल्यार्पण के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम का विधिवत शुभारम्भ किया गया।जिसमें छात्र/छात्राओं ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किये।तथा देश की स्वतंत्रता में बलिदान देने वाले विभूतियों को नमन किया।गीता और पूजा द्वारा सरस्वती वंदना का गायन हुआ।सुमन,पूजा,लक्ष्मी गीता,राजेन्द्र ने देशभक्ति से ओत प्रोत गीतों की प्रस्तुतियों से समां बांध दिया छात्र अजय,गोरखनाथ स्वतंत्रता दिवस का महत्व बताया,तो वहीं कृष्णमोहन ने देशभक्ति गीत पर धमाकेदार नृत्य की प्रस्तुतियां दीं।समस्त कार्यक्रम की अध्यक्षता और प्रातिभागियों की सराहना करते हुए प्राचार्य डॉ.रजेश कुमार शर्मा जी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि यूँ तो हर वर्ष हम स्वतंत्रता दिवस मनाते रहें लेकिन इस वर्ष का स्वतंत्रता दिवस हम सबके लिए कुछ खास है क्योकि सरकार द्वारा प्रायोजित अमृत महोत्सव के अंत इस कार्यक्रम को हम सभी मना रहे हैं।इन्होंने बताया कि १०० वर्षों तक जिस तरह से हमारे नायक लड़ रहे थें सत्ता के साथ लड़ने के लिए चंद लोगो की जरूरत नही थी बल्कि इसके लिए पूरा देश उनके साथ था लेकिन इतिहास लेखन की अपनी एक विडम्बना है कि जो सामने रहा है वह इतिहास के पन्नो में अपना नाम दर्ज कराने में सफल हुआ और जो पीछे रह वह पीछे ही छूटकर रह गया ऐसे सैकड़ो,हजारों स्वतंत्रता सेनानी हैं।निश्चित रूप से यदि हम ऐसे स्वतंत्रता सेनानियों की तलाश करें यदि हम ऐसे वीर जांबाजों की दास्तान को युवा पीढ़ी तक पहुचाएं उनके कारनामो को जन -जन तक पहुचाएं तो निश्चित रूप से हमारी संस्कृति और भी समृद्ध हो जाएगी देश की जो सांस्कृतिक धरोहर है उसे हम और भी समृद्ध सम्पन्न बना सकते हैं इसीलिए हमें अपने इर्द-गिर्द उन सेनानियों की तलाश करनी चाहिए जिनका भारत के स्वतंत्रता संघर्ष में किसी न किसी रूप में योगदान रहा है।और जो अब तक इतिहास के पन्नो से दूर थें निश्चित रूप से यह हमारी एक श्रद्धांजलि होगी इन्होंने बताया कि हमारे स्वतंत्रता संग्राम की सबसे अच्छी विशेषता यह थी कि अलग-अलग दिशा में अलग-अलग रथ पर सवार अनेक स्वतंत्रता सेनानियों ने एक साथ एकत्रित होकर लंबे समय तक संघर्ष करने के बाद आजादी प्राप्त की निश्चित रूप से जो सपना हमारे सेनानियों ने देखा था उनकी कसौटी पर हम बहुत नजदीक तक खरे उतरे।७५वर्ष में भारत ने राजनीतिक,सामाजिक,वैज्ञानिक,स्तर पर बहुत सारी उलब्धियां अर्जित की।लेकिन मंजिल तक पहुचने के लिए कहीं न कहीं अवरोध आते हैं जो लक्ष्य स्वतंत्रता सेनानियों ने निर्धारित किया था उस लक्ष्य तक पहुचने में अभी भी अवरोध खड़े हैं विशेष रूप से मानसिक आजादी से हम अभी भी अपने आप को जोड़ नही पाएं मानसिक आजादी उस स्तर पर प्राप्त नही कर पाएं है जिस स्तर पर देश को संगठित,एकत्रित करने की जरूरत है।जब तक हम मानसिक आजादी को प्राप्त नही करेंगे हमारी उपलब्धियों पर कही न कही धब्बा लगा रहेगा सुषमा सिंह ने कार्यक्रम का संचालन किया।डॉ.शैलजा पांडेय ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी के प्रति ह्रदय से आभार ज्ञापित किया।राष्ट्रगीत के साथ कार्यक्रम का भव्य समापन हुआ।इस दौरान महाविद्यालय के शिक्षक डॉ.जगदीश प्रसाद तथा धनसिरा पी.जी.कॉलेज के शिक्षक बाबू लाल रत्न तथा महाविद्यालय के समस्त छात्र/छत्राएँ राजेन्द्र,रूपेश,प्रेम सागर,रोशनी,रेनु तथा महाविद्यालय के स्टाफ श्री विजय मिश्र,मनीष सिंह,महेंद्र सिंह यादव आदि उपस्थित रहें।