Tuesday, July 2, 2024
बस्ती मण्डल

भागवताचार्य मनीष पूर्णानन्द जी महाराज ने चौथे दिन रविवार को भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की अद्भुत कथा प्रस्तुत की

कुदरहा/बस्ती। स्थानीय नगर पंचायत गायघाट में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में गोवर्धन धाम से पधारे कथा वाचक भागवताचार्य मनीष पूर्णानन्द जी महाराज ने चौथे दिन रविवार को भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की अद्भुत कथा प्रस्तुत की। जिसमें उन्होंने बताया कि मथुरा राजा कंस अपनी बहन देवकी का विवाह अपने परम मित्र वासुदेव से करते हैं। और कंस अपने प्रिय बहन देवकी को उसके घर पहुंचाने रथ से जा रहा होता है कि रास्ते में आकाशवाणी के माध्यम से देवकी के आठवें पुत्र से अपने बध की बात जानकर वह देवकी जान से मारने के लिये तलवार उठाता है। पर वासुदेव के आग्रह पर वह छोड़ देता है। और दोनों को कारागार में डाल कर मथुरा पर अपना अधिकार कर लेता है।

जैसे-जैसे देवकी के पुत्र होते जाते हैं वह उनका बध करता जाता है। अंत में योग माया की सहायता से सातवें पुत्र का जन्म होने पर संकर्षण के माध्यम से उसे गोकुल में रह रही उनकी दूसरी पत्नी के गर्भ में स्थापित कर दिया जाता है। जब आठवें पुत्र की बारी आती है तब सुरक्षा बढा दी जाती है। पर भगवान की माया से उनके जन्म लेते ही संसार में प्रकाश फैल जाता है। कारागार के ताले व बेड़ियां टूट जाते हैं। वासुदेव नन्हे बालक को गोकुल में नन्दबाबा के घर छोड़कर उनकी अजन्मा पुत्री जो कि योगमाया के नाम से जानी जाती है उसे उठा लाते हैं। इस प्रकार इतनी दुबिधाओं में भगवान कृष्ण का जन्म होता है |
कथा के मुख्य यजमान ओम प्रकाश जायसवाल,हरिश्चंद्र जायसवाल, आलोक त्रिपाठी, पप्पू यादव, जितेन्द्र जायसवाल, पंकज पाण्डेय, राहुल जायसवाल, रिंकू पाण्डेय, मंटू पाण्डेय, रविन्द्र पाण्डेय, उर्फ कुंटल, पप्पू शुक्ल, कृष्ण मोहन, विकास जायसवाल, महेन्द्र, रामजी, सुरेश चंद्र, शक्ति जायसवाल सहित तमाम श्रद्धालु उपस्थित रहे।