Sunday, May 19, 2024
साहित्य जगत

मित्रता

मित्रता है जग में उजागिर सदियों से मिशाल है कायम ।
पुरुषोत्तम श्रीराम के संग में निषादराज जी की मित्रता है कायम।
मित्रता हैसियत न देखें जो स्व विवेक से है कायम।
भगवान श्रीकृष्ण के संग में सुदामा जी की मित्रता है कायम।
मित्रता वो भी है जो रूठते मनाते हैं,
मित्रता वो नहीं है जिसमें तकरार है कायम।
सुखों और दुखों में सार्थक रहें मित्र,
न कि परिस्थितियों में भेदभाव रहे कायम।

आशीष प्रताप साहनी
भीवा पार भानपुर बस्ती
उत्तर प्रदेश 272194
8652759126