Tuesday, July 2, 2024
साहित्य जगत

गुरु वंदना

*गुरु वंदना*

गुरु गुरु गुरुवे नमः ,गुरु गुरु गुरुवे नमः
जीवन धन्य हो जाए, जी तुम्हें गुरु मिल जाए।। गुरु गुरु गुरुवे नमः-२

गुरु ही भक्ति गुरु ही पूजा ।
गुरु से बढ़कर कोई न दूजा।।
हरि का ध्यान कराए,
जो तुम्हें गुरु मिल जाए।
गुरु गुरु गुरुवे नमः-२

तन मन में जो व्याप्त है दुर्गुण।
मन भीतर वो भर दे सद्गुण ।।
भटकों को राह दिखाए ..।
जो तुम्हें गुरु मिल जाए।
गुरु गुरु गुरुवे नमः-२

पावन मन में हरि की छवि हो।
हम पर गुरु की कृपा यदि हो।।
हरि हमको मिल जाए…।
जो तुम्हें गुरु मिल जाए।।
गुरु गुरु गुरुवे नमः-२

आर्यावर्ती सरोज “आर्या”
लखनऊ (उत्तर प्रदेश)