Monday, July 1, 2024
बस्ती मण्डल

सरकार पत्रकारों के उत्पीड़न एवं शोषण के प्रति गंभीर नहीं- कुशवाहा

बस्ती। देश में महिला आयोग, एससीएसटी आयोग, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक आयोग है तो पत्रकार आयोग का गठन क्यों नहीं ? यह बातें प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गिरीश कुशवाहा ने कही। वे एसोसियेशन की प्रेस क्लब में आयोजित बस्ती मंडल की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर कोरोना काल में गंभीर खतरों का सामना करते हुये खबरों का नियमित संपादन व प्रेषण करने वाले पत्रकारों को कोरोना योद्धा का प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गिरीश चंद कुशवाहा ने कहा उत्तर प्रदेश सरकार पत्रकारों के उत्पीड़न व शोषण के मुद्दों पर गंभीर नहीं है।

उन्होंने बताया सरकार एसोसिएशन के मांग पत्र को गंभीरता से नहीं ले रही है। 2022 के चुनाव के पहले 60 वर्षीय पत्रकारों को ₹7000 महीना पेंशन एवं सामूहिक 10 लाख का दुर्घटना बीमा, राज्य प्रेस आयोग की स्थापना, कोविड-19 के अंतर्गत दर्ज किए गए फर्जी मुकदमे को स्पंज करने, कोरोना योद्धा के रूप में काम करने वाले जि पत्रकारों का निधन हुआ है उन पत्रकारों के परिजनों को 25 लाख रुपए मुआवजा दिये जाने एवं उनके एक परिवार को सरकारी नौकरी यदि नहीं दी गई तो मजबूर होकर बस्ती मुख्यालय से लेकर राजधानी लखनऊ तक एसोसियेशन की ओर से जन आंदोलन किया जायेगा।

एसोसिएशन के राष्ट्रीय सचिव डा. सत्यव्रत ने कहा पत्रकारों का उत्पीड़न व शोषण हो और सरकार उनके मौलिक अधिकार दे। एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष सज्जाद रिज़वी ने कहा उत्तर प्रदेश में अलोकतांत्रिक व्यवस्था चल रही है। पत्रकारों द्वारा सही लिखने पर उन पर हमले किए जा रहे हैं। बैठक में मुख्य अतिथि गिरीश कुशवाहा का माला पहनाकर स्वागत किया गया। सम्मानित किये जाने वालों में प्रमुख रूप से सज्जाद रिजवी, संतोष तिवारी, संजय विश्वकर्मा, नीरज श्रीवास्तव, प्रमोद श्रीवास्तव, अमन वर्मा, संतोष श्रीवास्तव, अशोक श्रीवास्तव, देवेंद्र पांडे, अरशद खान, जय प्रकाश उपाध्याय, राजेश पाण्डेय, आलोक त्रिपाठी, संतोष निषाद, अयूब खान, संतोष कुमार आदि शामिल रहे।