Monday, May 20, 2024
बस्ती मण्डल

पृथ्वी को पाप मुक्त करने हेतु प्रभु लेते हैं अवतार – पं प्रदीप शास्त्री

कुदरहा/बस्ती। धरती पर जब जब अधर्म का बोलबाला होता है तब तब भगवान का किसी न किसी रूप में अवतार होता है और पृथ्वी को पापों से मुक्ति मिलती है। भगवान चारो दिशाओं में विद्यमान है। इन्हें प्राप्त करने का मार्ग मात्र सच्चे मन से भक्ति ही है।
यह बातें अवध धाम से पधारेे कथा व्यास पं प्रदीप शास्त्री जी ने कहा। वे कुदरहा विकास क्षेत्र के श्री ब्रम्हदेव बाबा मन्दिर कोरमा परिसर में चल रही नौ दिवसीय श्रीराम कथा ज्ञान महायज्ञ के चौथे दिन श्रीराम जन्मोत्सव के दौरान उपस्थित श्रद्धालुओं को प्रवचन सत्र में सम्बोधित किया।
कथा के दौरान श्रीराम जन्मोत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया। इस दौरान निकली भगवान श्रीराम जन्मोत्सव की अद्भुत झांकी के दौरान समूचा पंडाल जय श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा। वहीं कथा वाचक द्वारा भजन “राम जन्म लिहो आई रे, मईया दे दो बधाई…” पर श्रद्धालु भक्ति में सराबोर होकर झूमने को मजबूर हो गए।
श्रीराम कथा को आगे बढ़ाते हुए कथा वाचक नें भगवान की बाल लीलाओं का वर्णन कर धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा जब-जब अत्याचार और अन्याय बढ़ता है, तब-तब प्रभु का अवतार होता है। प्रभु का अवतार अत्याचार को समाप्त करने और धर्म की स्थापना के लिए होता है। जब रावण के अत्याचार से पृथ्वी त्राहि त्राहि करने लगी, रावण नें सभी मर्यादाएं तोड़ दी तो प्रभु श्रीराम नें अयोध्या में जन्म लिया। और पृथ्वी को पापों से मुक्त कराया।

कथा में मुख्य रूप से आयोजक पशुपति प्रताप नारायण ओझा, यज्ञाचार्य पंडित वृजराज शास्त्री, मुख्य यजमान जयकरन ओझा, शीतला ओझा, श्रीपति ओझा, विनय कृष्ण, रजत, नीरज, अंकुश राज, आदित्य पाण्डेय, अंजू, शालू, अंशिका सहित तमाम श्रद्धालु उपस्थित रहे।