Thursday, June 27, 2024
बस्ती मण्डल

अभियान चलाकर 34 क्षय रोगियों के खोले गए एकाउण्‍ट

संतकबीरनगर।(कालिन्दी मिश्रा) क्षय उन्‍मूलन अभियान के तहत गुरुवार को अभियान चलाकर पूरे जनपद के 34 क्षय रोगियों के खाते पोस्‍ट आफिस में खुलवाए गए और निक्षय पोर्टल पर रजिस्‍ट्रेशन करके तुरन्‍त उनके खातों में पोषण भत्‍ते के 500 रुपए भेज भी दिए गए। इन पैसों के जरिए वे अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए पोषक आहार खरीदेंगे।

जिला क्षय रोग अधिकारी अमित आनन्‍द ने बताया कि देश को 2025 तक क्षय मुक्‍त करने की दिशा में आधारभूत क्षय उन्‍मूलन कार्यक्रम चलाया जा रहा है। उसी कड़ी में निक्षय पोषण योजना चल रही है। इस योजना के लाभ के लिए लाभार्थियों के पास बैंक खाता होना आवश्‍यक है, ताकि उनके खाते में सीधे हर महीने निक्षय पोषण योजना के तहत लाभार्थी को 500 रुपए भेजे जा सकें। अभी तक जनपद में खोजे गए कुछ क्षय रोगियों के खाते नहीं खुल पाए थे, जिसके चलते उनको योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था। अभियान चलाकर क्षय रोगियों के साथ ही डाक विभाग के कर्मचारियों को लेकर जिला क्षय रोग कार्यालय, खलीलाबाद तथा सेमरियांवा में खाता खोला गया। इसके साथ ही उनके खातों में निक्षय पोषण योजना की पहली किस्‍त भी भेज दी गई है। डाक विभाग के ब्रांच मैनेजर अंकुर खण्‍डेलवाल, पप्‍पू , सर्वेश यादव के साथ ही बाबूराम, राजेश, कविता पाठक, रामबास व अन्‍य लोग मौजूद रहे।

*क्‍या है निक्षय पोषण योजना*

निक्षय पोषण योजना के तहत हर क्षय रोगी को इलाज के दौरान 500 रुपए पोषण भत्‍ते के रुप में दिए जाते हैं। यह राशि इसलिए दी जाती है कि रोगी इन पैसों से घर में मिलने वाले भोजन के अतिरिक्‍त पोषक आहार जैसे फल, चना, गुड़ व अन्‍य चीजें खरीदकर खाए। ताकि उसकी रोग प्रतिरो‍धक क्षमता कम न हो। यह सामान्‍य क्षय के साथ एमडीआर टीबी के मरीजों को भी दिए जाते हैं।

*समाज को क्षयमुक्‍त करना ही लक्ष्‍य – अमित आनन्‍द*

क्षय उन्‍मूलन कार्यक्रम के जिला कार्यक्रम समन्‍वयक अमित आनन्‍द बताते हैं कि अभी तक चले अभियान के दौरान तमाम क्षय रोगियों के निक्षय पोर्टल पर एकाउण्‍ट आवश्‍यक अभिलेखों के अभाव में नहीं खुल पाए थे। उनके खाते डाकघर में खोले गए, ताकि वे अपने गांव पर ही अपने खाते से धन निकाल सकें। उनको कहीं दूर न जाना पड़े, यही नहीं डाकिए को देकर वे पैसे भी जमा कर सकते हैं। समाज को क्षय मुक्‍त करना ही अभियान का लक्ष्‍य है।