Saturday, June 29, 2024
बस्ती मण्डल

जिला सहकारी बैंक के रात्रि कालीन शाखा के जमाकर्ताओं को अपना भुगतान पाने के लिए दर दर भटक रहे हैं

बस्ती।जिला सहकारी बैंक के रात्रि कालीन शाखा के जमाकर्ताओं को अपना भुगतान पाने के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। पब्लिक प्लेस में अपना क्रेडिट खो चुका जिला सहकारी बैंक बस्ती अपने जमा कर्ताओं का जमा धन वापस नहीं कर पा रहा है। जमाकर्ताओं द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार जमा कर्ताओं की जमा पूंजी बैंककर्मी वेतन में निगल चुकेे हैं।

इस बैंक की रात्रि कालीन शाखा में बैंक की साऊँघाट शाखा मर्ज कर दी गई है ।जिसके चलते साऊँघाट क्षेत्र के लोग 10 10 किलोमीटर की दूरी तय कर अपने बचत खाते से अपना रुपया निकालने के लिए रोडवेज स्थित रात्रिकालीन शाखा आते हैं। और उन्हें मायूस होकर तब जाना पड़ता है ,जब उन्हें पता चलता है की बैंक में रुपया ही नहीं है। बृहस्पतिवार को बैंक शाखा से 15 किलोमीटर दूर गढ़वा निवासी गीता भाई साहब प्रदीप पांडे बताती है किस बैंक में उनका ₹56000 फिक्स है और 14883 रूपया बचत खाते में है पिछले 8 महीनों से रुपया निकालने के लिए दौड़ रही हूं लेकिन एक भी पैसा बैंक नहीं दिया बैंक शाखा पर सकीना ने बताया उनका 335000 जमा है हम के लिए दौड़ रही हूं 13 अगस्त से एक भी पैसा नहीं मिला है मोहम्मद हनीफ ने बताया कि साहब ₹687736 जमा कर मैं मूर्ख बन गया हूं अपना रुपया निकालने के लिए मुझे भीख मांगना पड़ रहा है 12 जनवरी 2021 से एक भी रुपए का भुगतान नहीं मिला है ।बैंक शाखा पर आता हूं,तो यहां से मायूस होकर जाना पड़ता है। छितावर निवासी वंश बहादुर पांडे ने बताया,कि उनका 324303 रुपए बैंक शाखा में जमा है । भुगतान के लिए दौड़ रहा हूं। 10 नवंबर 2020 से एक भी रुपया भुगतान नहीं हुआ है ।अपनी गाढ़ी कमाई बैंक में जमा करते हुए भी बैंक शाखा के जमाकर्ता को अपना रुपया पाने के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा हैं ।जमा कर्ताओं मैं रामनाथ ,सुमित्रा देवी ,रामकिशोर ,पुष्पावती, आशीष कुमार, सभापति आदि अनेक लोगों ने बताया कि शादी विवाह के अलावा मरनी करनी में भी अपना रुपया जमा होते हुए भी दूसरे से कर्ज लेकर निपटाना पड़ रहा है। और बैंक के लोग हम लोगों का रुपया नहीं भुकतान कर रहे हैं।

क्या कहते हैं जिम्मेदार:- इस बाबत जब जानकारी लेने की कोशिश की गयी। तो पता चला की शाखा प्रबंधक छुट्टी पर है। वहां एक मौजूद महिला कैशियर कुछ भी बतााने से अस्मर्थ रही ।