Monday, July 1, 2024
साहित्य जगत

हिन्दी पत्रकारिता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

रात सपनें में मुझे
मिले एक सन्यासी,व्रह्मचारी
करतलधारी,वीणाधारी
मैनें पूछा आप कौन
बोले मैं आदि पत्रकार नारद
न इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ,न प्रिन्टमीडिया
मैं तो सीधे सच्ची खबर प्रसारित करता हूँ
मैं सूचना क्रान्ति का प्रथमदूत
मैनें कहा अच्छा वही
जिनकी सूचनाओं से तमाम काम बिगड़े
वो बोले
मैं तो व्यवश्था का चौथा स्तम्भ हूँ
सच्ची सूचनायें प्रेषित करता
काम बनाना बिगाड़ना मेरे हाथ नहीं
मैनें पूछा क्या हाल
आपके परम्परा पुत्रों आज के पत्रकारों
और मीडिया का
बोले
दिन दोगुनी , रात चौगुनी प्रगति कर रहे
कुछ पक्ष,कुछ विपक्ष ,कुछ निष्पक्ष
तो कुछ लक्ष्मी पक्ष से
रिपोर्टिंग कर रहे
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तो
टी.आर.पी.के अधीन
जो बिकेगा बही दिखेगा
आजकल शोसल मीडिया भी है
अपनी डफली,अपना राग
कुल मिलाकर हम चौथे स्तम्भ हैं
मगर हम सबसे मजबूत स्तम्भ हैं
बिखरनें नहीं देंगे लोकतंत्र को
जनता का सच सरकार तक पहुँचाएँगे
सरकार का मन्तव्य जनता को बतायेंगे
झुकनें नहीं देंगे लोकतंत्र
कुछ ऐसा जनतंत्र बनाएँगे ।।

©अनुरोध कुमार श्रीवास्तव
बस्ती,उत्तर प्रदेश