Saturday, May 18, 2024
बस्ती मण्डल

डिजिटल युग में मीडिया के समक्ष चुनौतियां-सोनिया

संतकबीरनगर।(कालिन्दी मिश्रा)जिले की व्यायाम शिक्षिका सोनिया ने बताया कि डिजिटल युग में प्रिंट मीडिया के समक्ष बहुत बड़ी चुनौतिया आ रही हैं।
आज पूरी दुनिया में कोई ऐसी जगह नहीं है जहां पर मीडिया तथा संचार क्रांति ने अपनी पैठ ना बना ली हो । हम कहीं भी जाएं संचार किसी न किसी रूप में हमारे साथ ही या हमारे आसपास रहता है।
लोकतंत्र का सजग प्रहरी की मीडिया की आजादी है।
देश को आजादी दिलाने में प्रिंट मीडिया की बहुत बड़ी भूमिका रही है लेकिन कई सारे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का जैसे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, सोशल मीडिया, कंप्यूटर, इंटरनेट, फेसबुक ,टि्वटर व्हाट्सएपका हमारे जीवन में प्रवेश होने से प्रिंट मीडिया के समक्ष कई सारी चुनौतियां आ गई हैं प्रिंट मीडिया में जहां एक अखबार को छापने भी 10 लोगों की आवश्यकता होती थी डिजिटल में वही काम दो लोग कर रहे हैं जिससे बेरोजगारी बढ़ी है तथा रोजगार के अवसर भी कम हुए हैं।
मीडिया का जो व्यापार पहले था वर्तमान में वह कम हुआ है आज आम आदमी अपने व्यापार का प्रचार प्रसार और उसकी क्वालिटी की जानकारी कम दामों में तथा कम समय में इलेक्ट्रॉनिक चैनल, टीवी, फेसबुक, व्हाट्सएप से कर ले रहा है
जिससे भी प्रिंट मीडिया को भारी हानि उठानी पड़ रही है
आज प्रिंट मीडिया के संपादक, प्रकाशक के सामने आर्थिक संकट भी आ रहा है ।प्रिंट मीडिया से प्रकाशित समाचार पत्रों के लिए सुबह से 9:00 बजे रात तक घटनाओं तथा समाचारों के लिए सूत्र विश्वसनीयता के साथ खोजने होते हैं। लेकिन आज डिजिटल मीडिया के समय में सूचनाएं तथा संदेश पल-पल लोगों तक पहुंच रहे हैं इसके बाद भी प्रिंट मीडिया को अपनी विश्वसनीयता बनाए रखना बहुत ही आवश्यक है। समाचार के लिए कब, क्यों, कैसे, कहां , कौन प्रश्नवाचक शब्दों को समाहित करने के बाद ही समाचार प्रकाशित किया जाता है और कम शब्दों में संपूर्ण सार प्रदान करने के लिए बहुत कठिन मेहनत करनी होती है तथा समाचार पत्र प्रकाशित करने के साथ-साथ पाठकों तक पहुंचाना तथा राशि वसूली में भी बहुत दिक्कत आती है
लेकिन फिर भी आज हमारे मीडिया कर्मी अपनी जान को जोखिम में डालकर एक से एक बढ़कर खबर को एकत्रित करते हैं तथा हमारे सामने लाते हैं
एक बेहतर अखबार के लिए मजबूत कंटेंट होना बहुत जरूरी है ऐसा नहीं है कि टेक्नोलॉजी के बदलने से, टीवी, सोशल मीडिया के आने से अखबारों का भविष्य खतरे में है यदि ऐसा होता तो अखबार छपते ही नहीं
अखबारों को उस कंटेंट पर काम करना चाहिए जो वेबसाइट या टीवी चैनलों पर उपलब्ध नहीं होते हैं प्रिंट मीडिया का भविष्य हमेशा रहा है और आगे भी रहेगा