आज की ताजा रचना
लापरवाही से ही चहुंदिश,
कोरोना की फैली आग।
महाकाल का देख तांडव,
मन के भीतर उठा विराग।
काम काज सब ठप्प हो गए,
सचमुच हुई बहुत बरबादी।
कितने बेरोजगार हो गए,
टूट गई कितनों की शादी।
कोरोना की बीमारी का,
करना होगा हमें इलाज।
जिससे जनता के सिर पर हो,
प्रसन्नता का फिर से ताज।
डॉ. वी.के. वर्मा
चिकित्साधिकारी
जिला चिकित्सालय बस्ती