Thursday, July 4, 2024
बस्ती मण्डल

कोरोना टीकाकरण की निगरानी में ‘कोविन’ और ‘ईविन’ एप की होगी महत्‍वपूर्ण भूमिका-सीएमओ

संतकबीरनगर।(कालिन्दी मिश्रा) कोरोना टीकाकरण की निगरानी में दो एप की महत्‍वपूर्ण भूमिका होगी। इसमें पहला एप कोविन – 20 होगा जो टीकाकरण के कार्य की निगरानी करेगा तो वहीं दूसरा एप ईविन होगा जो टीके के तापमान व वैक्‍सीन की गुणवत्‍ता की आनलाइन निगरानी करेगा। कोरोना के टीके 2 से 8 डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखे जाएंगे।

मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी डॉ हरगोविन्‍द सिंह ने बताया कि कोविड – 19 की वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए जिले में कुल नौ स्‍टोर हैं। जिला अस्‍पताल परिसर में जनपदीय वैक्‍सीन स्‍टोर का निर्माण अपने अन्तिम दौर में है । वैक्‍सीन को सुरक्षित और गुणवत्‍तापूर्ण तरीके से रखने के लिए वर्तमान में कोविन तथा ईविन (इलेक्ट्रानिक वैक्‍सीन इण्‍टेलिजेन्‍स नेटवर्क ) एप का सहारा लिया जा रहा है। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एस रहमान, उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ ए के सिन्‍हा इसकी आवश्‍यक निगरानी मे लगे हुए हैं। विशेष निगरानी के लिए जिला वैक्‍सीन व कोल्‍ड चेन प्रबन्‍धक ( ईविन ) को लगाया गया है। वैक्‍सीन आने के बाद प्रथम चरण में स्‍वास्‍थ्‍य कार्यकर्ताओं को लगाई जानी है। उनकी फीडिंग पूरी कर ली गई है। त्रुटियों में सुधार किया जा रहा है।

*कोविन – 20 एप को जानिए*
टीकाकरण वितरण कार्यक्रम के लिए यह एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है। यह मोबाइल एप वैक्सीन डेटा रिकॉर्ड करता है । टीकाकरण अभियान को आसान बनाने में कोविन-20 ऐप एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है। कोविन -20 एप को कोविड -19 वैक्सीन के पंजीकरण के लिए पांच मॉड्यूल में विभाजित किया गया है और टीकाकरण कार्यक्रम को सुचारू करने के लिए ट्रैकिंग की जाती है। इनमें व्यवस्थापक मॉड्यूल, पंजीकरण मॉड्यूल, टीकाकरण मॉड्यूल, लाभार्थी पावती मॉड्यूल और रिपोर्ट मॉड्यूल हैं।

*ईविन एप को जानिए*
भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ साझेदारी में बनाया गया एक एप है। यह वैक्सीन स्टॉक और भंडारण तापमान के बारे में जानकारी का डिजिटलीकरण करके वैक्सीन आपूर्ति श्रृंखला को निरन्‍तर बनाए रखता है। जिले में किस स्‍वास्‍थ्‍य इकाई पर कितनी वैक्‍सीन बची है तथा वैक्‍सीन रखने की जगह का तापमान क्‍या है, इसकी जानकारी वैक्‍सीन और कोल्‍ड चेन प्रबन्‍धक को मिल जाती है। आपूर्तिकर्ता तक भी यह सूचना पहुंचती रहती है। उसी के आधार पर वैक्‍सीन का वितरण होता है।