Saturday, May 18, 2024
बस्ती मण्डल

प्रधानाचार्य रमेश चन्द्र सिंह निलंबित, गमन के आरोप

बस्ती।कहते है कि अपराध कितनी भी बुद्धिमत्ता से किया जाय लेकिन एक न एक दिन जरूर सामने आता है कुछ अपराध तो पेट के लिए होते हे लेकिन कुछ अपराध विलासिता के लिए किया जाता है।आज जिस अपराध की बात कर रहे है उसे अंजाम देने वाला कोई आम अपराधी नही बल्कि जिसके कन्धे पर इस देश के नोनिहालो का भविष्य होता है बही गुरु ही है हम बात कर रहे हैं श्री देशराज नारंग इंटर कॉलेज वाल्टरगंज के प्रधानाचार्य रमेश चंद्र सिंह की। जिनको विद्यालय साधिकार नियंत्रक सत्येंद्र कुमार पांडेय ने शनिवार को निलंबित कर दिया। उनके ऊपर एक साथ दो विद्यालयों से वेतन आहरण करने सहित कई गंभीर आरोप हैं। शासन से जांच में उनके ऊपर फर्जी अभिलेख के आधार पर प्रधानाचार्य का पद हासिल करने का आरोप लगा है।

मामला न्यायालय में विचाराधीन है। वे राष्ट्रीय कृषक इंटर कॉलेज सूदीपुर में बतौर प्रधानाचार्य तैनाती के दौरान उक्त विद्यालय व पूर्व तैनाती स्थल केंद्रीय विद्यालय रेल परिसर गोंडा से 18 दिसंबर-2008 से 31 मार्च-2009 तक एक साथ वेतन लिया। डीडीआर बस्ती मंडल की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने आरोप की पुष्टि की है। कमेटी के अनुसार यह गबन की श्रेणी में आता है। विद्यालय मद में हुए कथित घोटाले के आरोप की जांच भी डीडीआर की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने की। एक अप्रैल-2017 से 31 मार्च-2020 के बीच विकास निधि व विभिन्न छात्र निधि से क्रमश: 6.43 लाख व 6.76 लाख रुपये मनमाने तरीके से व्यय करने का मामला सामने आया है। रमेश चंद्र पर आरोप है कि उन्होंने 2016 में बेटे विवेक कुमार सिंह को कुशीनगर में सहायक अध्यापक पद पर फर्जी नियुक्ति दिखाकर किसान इंटर कॉलेज परशुरामपुर में एकल स्थानांतरण के आधार पर ज्वाइनिंग करा दिया। लेखाधिकारी की जांच में इसका पर्दाफाश हुआ है। इस मामले में कॉलेज प्रबंधक की ओर से आरोपी के खिलाफ स्थानीय थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। 2014 में विद्यालय के प्राइमरी सेक्शन में पांच शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी। जांच में नियुक्ति में अनियमितता पाए जाने पर सभी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। प्रधानाचार्य पर आरोप है कि चयन समिति का सदस्य सचिव होने के बाद भी उन्होंने शैक्षिक योग्यता आदि की जांच नहीं की, जिससे निर्धारित अर्हता न होने के बाद भी कई लोग नियुक्ति पा गए। इन लोगों के अभिलेख का सत्यापन कराए बिना वेतन बिल बना दिया गया