Tuesday, July 2, 2024
बस्ती मण्डल

पुस्तकें अनमोल होती- आर के भारद्वाज

बस्ती : पुस्तकें अनमोल होती है, यह न केवल ज्ञान का भंडार होता है बल्कि हमारा सबसे अच्छा मित्र भी होता है, इसलिए हमें पुस्तकें जरूर पढ़नी चाहिए। तमाम महापुरुष भले ही हमारे बीच नही हैं, लेकिन उनकी लिखी पुस्तकें आज भी हमारे बीच विचारों के रूप में मौजूद हैं। यह बातें आचार्य राम चन्द्र शुक्ल पुस्तकालय टाउन क्लब परिसर में युवा विकास समिति द्वारा नेशनल बुक ट्रस्ट भारत सरकार के सहयोग से आयोजित पुस्तक मेले के दूसरे दिन मुख्य अतिथि पुलिस महानिरीक्षक आर के भारद्वाज ने कही। इस मौके पर सी ए अजीत कुमार चौधरी नें ने कहा कि आज जब हम वैचारिक और सांस्कृतिक स्तर पर कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं तो पुस्तकों का महत्व और भी बढ़ जाता है। चिंता की बात यह है कि हमारी युवा पीढी डिजिटल दुनिया के करीब और पुस्तकों से दूर होती जा रही है। इस तरह के आयोजन से युवाओं को पुस्तकों के करीब आने का मौका मिलेगा। इस मौके पर जयंत मिश्र, जगदीश शुक्ल ने अपने विचार रखे।

*स्कूली छात्रों ने की उमड़ी भीड़ जम कर की खरीददारी*

पुस्तक मेले के भ्रमण के लिए डान वास्को स्कूल के बच्चों नें विजिट कर अपने पसंद की पुस्तकें क्रय की छात्र-छात्राओं द्वारा राम कृष्ण मठ के स्टाल विवेकान्द से जुडी पुस्तकों को खूब पंसद किया गया। वहीँ निखिल पब्लिकेशन के स्टाल पर पाठ्यक्रम से जुडी पुस्तके भी खूब बिकी। डॉन वास्को स्कूल की शिक्षिका प्रियंका पाल नें बताया की बच्चों ने एटलस और भूगोल की किताबों की खूब खरीददारी की।

अध्यापक बिन्दुसार सिंह नें कहा की बच्चों को साहित्य और प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबें बहुत पसंद आ रहीं हैं। उन्होंने बताया की की बच्चों की पहली पसंद लोगों की साहित्य और छात्र छात्राओं को कोर्स व प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबें पसंद आ रही हैं। सात दिवसीय पुस्तक मेले में शनिवार को पुस्तक प्रेमियों की भीड़ उमड़ पड़ी। लोगों ने अपनी मनपसंद किताबें यहां से खरीदी। किताबों की खरीद में यहां लोगों को छूट भी मिल रही

*पचास लाख रूपये से अधिक की पुस्तको लगा है स्टाल*

बस्ती पुस्तक मेंले में 13 प्रकाशनों द्वारा करीब 50 लाख रूपये से अधिक की पुस्तकें स्टाल पर प्रदर्शित की गई है। पुस्तक मेले में बाहर से आये प्रकाशक पुस्तकों के अच्छी बिक्री से काफी खुश हैं। प्रकाशकों के अनुसार दो दिनों में करीब 3 लाख रूपये की पुस्तकों की बिक्री हुई है। जिसमें नेशनल बुक ट्रस्ट के स्टाल पर सबसे ज्यादा बिकने वाली पुस्तकों में डॉ भीम राव अम्बेडकर, रामधारी सिंह दिनकर, स्वामी विवेकानंद, इन्कलाब 1857, आजादी के मुकदमें प्रमुख हैं।

उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के स्टाल पर उर्दू भाषा और साहित्य, घाघ की कहावतें, प्रेम चन्द्र की कहानियां, उर्दू हिंदी शब्दकोष, सबसे ज्यादा बिकी। इंडस स्क्राल के स्टाल पर बदलते दौर में हिंदुत्व, हिन्दू राष्ट्र की सांस्कृतिक संरचना सबसे ज्यादा बिकी। अनामिका प्रकाशन के स्टाल पर कबीर हैं की मरते नहीं और शहर में कर्फ्यू बिकी। वहीँ निखिल प्रकाशन के स्टाल पर जीवन जीने की राह, घरेलु उपचार, औषधीय पौधे खूब बिकी। गीता प्रेस के स्टाल पर भागवत गीता, राम चरित मानस की प्रतियाँ खूब बिक रहीं हैं जबकि वैदिक प्रकाशन से सत्यार्थ प्रकाश को खरीददने वालों की संख्या सबसे ज्यादा रहीं।